मेगा हाइवे से जुड़े गांव डोबड़ा व भगवानपुरा दोनों ही बड़ी पंचायतें होने के बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दो वर्षो पूर्व आई बाढ़ के दौरान डोबडा व भगवानपुरा गांव के बीच खाळ नालों पर बनी रपटे व पुलियाएं बह जाने से क्षतिग्रस्त होने के बावजूद मरम्मत नहीं कराने से कई बार दुपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं। वहीं जर्जर सड़कों पर कारें अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे है। पुलियाओं पर बने रपटे व खरंजों के पत्थर उखड़कर बह जाने से गांवों की महंगी लक्जरी कारें पूरी बरसात घरों से बाहर नहीं जा सकी। कई लोग टूटी सड़कों व रपटों पर पत्थर रखकर वाहन निकालने को मजबूर है।
हजारों ग्रामीण हो रहे परेशान
- डोबड़ा सहकारी समिति अध्यक्ष मनोज नागर ने बताया कि मेगा हाइवे से डोबड़ा तक 3 किलोमीटर की दूरी को तय करने में वाहनों को आधे घण्टे का समय लग जाता है। इतना ही समय डोबड़ा से भगवानपुरा तक 3 किलोमीटर दूरी तय करने में लग रहा है। कई बार पंचायत समिति से लेकर निर्माण विभाग के अभियंताओं को अवगत कराने के बावजूद समस्या पर ध्यान नहीं देने से दोनो पंचायतों के हजारों ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।