जिले में रबी में सरसों, चना, धनिया, मसूर व गेंहू की रिकॉर्ड बुवाई होती है तथा डीएपी और यूरिया की आपूर्ति मांग की तुलना में कम हो रही है। इस कारण विभाग समय से पहले ही सतर्क हो चुका है।
उर्वरक का रिकॉर्ड संधारित करना होगा- इसके लिए प्रत्येक किसान को अधिकतम 10 बैग या इससे कम अथवा उपलब्धता के अनुरूप डीएपी व यूरिया उर्वरक का विक्रय किया जाए। उर्वरक विक्रेताओं की ओर से जिन किसानों को डीएपी या यूरिया की उर्वरक विक्रय किया जा रहा है। उनके आधार कार्ड की छाया प्रति एवं किसान होने संबंधी दस्तावेज (जमाबंदी, पासबुक) आदि हस्ताक्षरित छायाप्रति प्राप्त कर रिकॉर्ड संधारित किया जाए। डीएपी व यूरिया उर्वरक विक्रय किए जाने के उपरांत उसी समय संबंधित किसान को पता बिल उपलब्ध करवाते हुए बिल पर किसान का नाम,पूर्ण पता मय मोबाइल नंबर के साथ-साथ उर्वरक का नाम एवं बैच नंबर का अंकन करना सुनिश्चित किया जाए ताकि वितरण का भौतिक सत्यापन करवाया जा सकें।
बॉर्डर एरिया पर चैक पोस्ट बनाई जाए- सहायक निदेशक राजेश विजय ने बताया कि इस बार विभाग के द्वारा डीएपी, यूरिया की कालाबाजारी रोकने को लेकर चैक पोस्ट बनाई जाएगी। इन चैक पोस्ट का उद्वदेश्य है कि बॉर्डर एरिया से डीएपी, यूरिया का विक्रय जिले व राज्य से बाहर होने से रोकने के लिए किया जाएगा। प्रत्येक चैक पोस्ट बनाकर सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक की ड्यूटी लगाई जाएगी।
गडबड़ी मिली तो लाइसेंस निरस्त होगा- कृषि अधिकारी हरिशंकर कोली ने बताया कि डीएपी व यूरिया का दुकानदार को पीओएस मशीन में प्रतिदनवास्तवितक स्टॉक संधारण किया जाना आवश्यक है। साथ ही यदि किसी उर्वरक विक्रेता की ओर से जिले से बाहर डीएपी व यूरिया का विक्रय किया गया अथवा उपरोक्त निर्देशों की पालना नहीं करने पर लांइसेसनिलंबिन या निरस्त कर दिया जाएगा।
इनका कहना है- रबी का बुवाई सीजन शुरू होने वाला है। इसको देखते हुए किसानों को डीएपी और यूरिया उर्वरक के लिए परेशानी नहीं हो। इसके लिए परमिट सिस्टम पर किसानों को उर्वरक का वितरण करवाया जाएगा व एक किसान को 10 बैग दिया जाएगा व अगर खाद्य कि कमी होने पर कम भी दिया जाएगा।
- राजेश विजय, सहायक निदेशक कषि विस्तार, भवानीमंडी