झालरापाटन शहर पुलिस थाना के सामने सोमवार शाम लोहे की गर्डर से ओवरलोड भरा एक लोडिंग ऑटो लहराता हुआ पलट गया। जिससे आधा दर्जन बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल बाल बचे। घटना इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो में भरी गर्डर आगे का कांच तोड़ते हुए इसमें से बाहर निकल गई। यह तो गनीमत रही कि ऑटो का चालक चोटिल होने से बच गया। इस घटना को देखकर लोगों में अफरा तफरी मच गई।
झालरापाटन शहर पुलिस थाना के सामने सोमवार शाम लोहे की गर्डर से ओवरलोड भरा एक लोडिंग ऑटो लहराता हुआ पलट गया। जिससे आधा दर्जन बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल बाल बचे। घटना इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो में भरी गर्डर आगे का कांच तोड़ते हुए इसमें से बाहर निकल गई। यह तो गनीमत रही कि ऑटो का चालक चोटिल होने से बच गया। इस घटना को देखकर लोगों में अफरा तफरी मच गई। कुछ ही देर बाद ऑटो चालक मजदूरों के सहयोग से सड़क पर गिरी गर्डर को वापस वाहन में भरकर रवाना हो गया। पुलिस प्रशासन ने भी चालक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की।
नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक ओवरलोड वाहन सड़कों पर दिनभर फर्राटे मार रहे हैं। कई बार यह वाहन दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी है लेकिन उसके बाद भी यातायात विभाग ऐसे वाहनों के ब्रेक लगाने में असफल साबित हो रहा है। वजह है कि सड़कों पर यह वाहन बैखोफ मौत का दूत बन हवा से बात करते हैं। जिला परिवहन व यातायात सहित पुलिस विभाग की निष्क्रियता के चलते इन दिनों जिले भर में ओवरलोड वाहनों की खूब आवाजाही हो रही है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर सड़क पर जनता की सुरक्षा को दांव पर लगवा रहे हैं। भारी व ओवरलोड वाहनों की आवाजाही के कारण सड़क की दुर्गति हो रही है वही आम जनता के लिए सड़क मार्ग खतरनाक साबित होता है। इसके बावजूद अधिकारी इन पर कार्यवाही करने से गुरेज कर रहे हैं। आलम यह है कि धड़ल्ले से विभिन्न मार्गों पर भारी और ओवरलोड वाहन फर्राटे मारते हुए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। ट्रैक्टर, पिक अप, मेटाडोर, ट्रक आदि वाहन भी ओवरलोडिंग कर सड़कों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं। इसके बावजूद न तो परिवहन विभाग सक्रिय दिख रहा है और नहीं पुलिस।
पढ़ाते हैं सुरक्षा का पाठ, खुद नहीं करते अमल
यातायात सुरक्षा को लेकर पुलिस व परिवहन विभाग लोगों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाते हैं। विभाग की टीमें समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को तेज गति से वाहन न चलाने व क्षमता से अधिक भार लेकर नहीं चलने की हिदायत देते हैं, लेकिन यातायात के कर्ताधर्ता खुद इन बातों पर अमल नहीं करते, यदि करते होते तो मौत के दूत बने ये ओवरलोडिंग वाहनों का आवागमन कब का बंद हो गया होता।नियमों की हो रही अनदेखी
जिस तरह से ओवरलोड वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि विभाग पूरी तरह से सक्रिय नहीं है। नियम है कि कोई भी भारवाहक वाहन मैं क्षमता से अधिक भार नहीं लादा जाए, लेकिन इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। ट्रक व ट्रैक्टर में सामान कई फीट ऊपर तक भरा रहता है और यह सड़कों पर फर्राटा भरते हैं, जिससे हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्यवाही करने का अधिकार परिवहन विभाग के पास है फिर भी लोगों के जान माल के नुकसान को देखते हुए पुलिस ऐसे वाहनों पर सख्त कार्रवाई करेगी। हंसराज मीणा थाना अधिकारी झालरापाटन