वहीं कई किसान ऐसे भी आ रहे हैं, जिनका पट्टा पहले उनके दादा व पिता के नाम से था, लेकिन उनकी मृत्यु होने के बाद अब आपसी सहमति बनाकर वो विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में पहुंच रहे हैं, जहां अधिकारियों के समक्ष आपसी सहमति देकर किसी एक व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस ले रहे हैं। वहीं जिले में 4.2 से कम मॉर्फिन देने वाले 13 किसानों के पट्टे कट गए है। 19 से 21 नवंबर तक शिविर में 49 लोगों को लाइसेंस जारी किया गया है।
इन्हे मिलेगा लाइसेंस गत वर्ष 2023-24 में जिन अफीम लाइसेंसधारी किसानों की फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है, उन सभी किसानों को लेसिंग पद्धति के माध्यम से अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिराई) वाला लाइसेंस मिलेगा। वहीं ऐसे काश्तकार जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान पोस्त भूसा उत्पादन के लिए अफीम खेती की, जिन्होंने तोल केन्द्र पर पोस्त भूसा प्रस्तुत किया तथा जिनकी औसत उपज 900 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर या उससे अधिक थी, उनको भी अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिराइ) वाला लाइसेंस दिया जा रहा है। जिले में ऐसे 74 किसान है।
लाइसेंस ऑनलाइन पात्र काश्तकारों के नाम सीबीएन वेबसाइट और सीबीएन ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को खुद ही किसी भी ई-मित्र पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए विभाग उसे वेरिफाई करके। ई-मित्र से ऑनलाइन करने के बाद आवेदन एसआई के पास आता है वहां से सीआई के पास उसके बाद अंतिम वेरिफाई जिला अफीम अधिकारी के माध्यम से होता है।उसके बाद किसान के मोबाइल नंबर पर संबंधित संदेश व मेल आदि पर सूचना आ रही है।
फैक्ट फाइल : ये भी जानना जरूरी जिले में चीरे वाले लाइसेंस- 1249 जिले में सीपीएस पद्धति वाले लाइसेंस- 1467 जिले में जिनका डोडा चूरा कम था ऐसे 1792 किसानों का लाइसेंस एक साल के लिए होल्ड पर रखा गया।
जिले में कुल 2716 पट्टे दिए जाने का का लक्ष्य है। जिले में अभी तक 2661 पट्टे ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं। जो काश्तकार इस नीति में पहली बार सीपीएस पद्धति के लिए खेती के पात्र हो गए हैं, उन्हें आगामी 5 वर्षों के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जो कि फसल वर्ष 2024-25 से जारी होकर फसल वर्ष 2028-29 तक प्रभावी रहेंगे।
इन तहसीलों में होगी अफीम की बुवाई तहसील अफीम किसान अकलेरा 960 असनावर 62 बकानी 223 डग 74 गंगधार 185 झालरापाटन 97 खानपुर 80 मनोहरथाना 574
पचपहाड़ 218 पिड़ावा 48 रायपुर 115 सुनेल 80 कुल 2716 इनका कहना है… हमारे 2009-10 का पट्टा कटा हुआ था। शामिल में नाम होने के कारण आपसी सहमति से एक नाम करवाने के लिए आए है। लिस्ट में नाम है,उमीद है, कि पट्टा मिल जाएगा।
राजाराम, किसान मान्याखेड़ी, मनोहरथाना लिस्ट में नाम है, यहां आए तो बताया कि औसत कम पड़ रहा है। 25 वाले को दे रहे हैं, हमारे साढ़े 22 ही औसत है। अब देखते क्या होता है।
भगवानसिंह, किसान, पिड़ावा जिले में इस बार करीब 2700 सौ किसानों को अफीम के ऑनलाइन पट्टे जारी किए जा रहे हैं। अंतिम तिथि 23 नवंबर है। किसान को कहीं जाने की जरुरत नहीं, पूरा ऑनलाइन सिस्टम है। ऑनलाइन ही अप्रूव हो रहा है।फिरअभी वो ही किसान आ रहे हैं जिनके किसी के मौत हो गई है, आपसी सहमति से किसी एक के नाम लाइसेंस जारी करवाना है।करीब 150 नए पट्टे जारी किए जा रहे हैं।
महेन्द्र कुमार जैन, जिला अफीम अधिकारी, झालावाड़