झालावाड़

अवैध खनन के खिलाफ सीएम सख्त, यहां क्रेशर मालिक तोड़ रहे नियम

प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और उससे जुड़े कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री सख्त है। प्रदेश में इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है, लेकिन झालावाड़ जिले में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

झालावाड़Jan 18, 2024 / 06:12 pm

Ashish

Jhalawar News : प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और उससे जुड़े कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री सख्त है। प्रदेश में इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है, लेकिन झालावाड़ जिले में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने कमियां पाए जाने के बाद गत दस जनवरी को तीन क्रेशर को सीज कर दिया था, लेकिन एक संचालक ने सीज की कार्रवाई को धत्ता बताते हुए सील तोड़कर क्रेशर चालू कर लिया जबकि संचालक को पाई गई कमियों को दूर कर मंडल की अनुमति के बाद क्रेशर को चालू करना था।

जयपुर डिस्कॉम ने कनेक्शन काटने की जगह सिर्फ नोटिस दिया
प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पिछले माह पीपल्या चौराहे के पास सुकेत रोड पर स्थित तिरुपति क्रेशर का निरीक्षण किया तो यहां बिना कवरिंग के चलने से क्षेत्र में धूल का गुबार उड़ते पाया। बिना अनुमति मशीनें बढ़ाने से पर्यावरण को नुकसान होने पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तिरुपति स्टोन क्रेशर की 29 दिसंबर 2023 को विद्युत निगम को पत्र देकर सात दिन में कनेक्शन काटने के लिए कहा था लेकिन विद्युत निगम केवल नोटिस देकर इतिश्री कर ली। कनेक्शन नहीं कटने पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने गत 10 जनवरी को क्रेशर को सीज कर दिया। पिछले दिनों जब टीम ने दोबारा निरीक्षण किया तो क्रेशर चालू मिला। क्रेशर रोजाना सैंकड़ों टन गिट्टी का उत्पादन कर रहा है, जबकि सीज के बाद अनुमति मिलने पर ही दोबारा क्रेशर चालू किया था। विभाग ने तिरूपति के अलावा बिना कवरिंग चलाने पर एमएम क्रेशर रलायती को सीज किया था। हंस स्टोन सप्लायर्स रुणजी को कमियां मिलने पर सीज किया गया था। ये दोनों क्रेशर बंद है।

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धूल का गुबार, पर्यावरण को पहुंचा रहे नुकसान
पर्यावरण स्वीकृति लेने वाले क्रेशर संचालक प्रदूषण नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन रखे बगैर संचालन कर गिट्टी का उत्पादन कर रहे हैं। इससे पर्यावरण और वायु प्रदूषण फैल रहा है। गत दस जनवरी को प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तीन क्रेशर को सीज कर दिया था। पीपल्या चौराहे के पास व रूणजी में करीब आधा दर्जन क्रेशर है। जहां धूल और मिट्टी का गुबार उड़ता रहता है। हालांकि जिले में कई क्रेशर संचालकों ने गिट्टी उत्पादन के लिए पर्यावरण स्वीकृति ले रखी है, लेकिन कई क्रेशर तय सीमा के बाहर जाकर गिट्टी का उत्पादन कर रहे हैं तो कुछ क्रेशर की कच्चा माल रखने की की क्षमता 3 एमटी तक है, लेकिन उनके पास अधिक माल मिला।

सीज के बावजूद अगर बिना अनुमति क्रेशर चल रहा है तो यह गलत है। ऐसा है तो पूरा परिसर सीज किया जाएगा। हमने गत 29 दिसंबर को ही विद्युत निगम को कनेक्शन काटने के लिए पत्र भेजा था। उसके बाद भी क्रेशर चल रहा है तो ये सरकार के नियमों का उल्लंघन है।
– अशोक कुमार जेलिया, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण मंडल झालावाड़

तिरुपति क्रेशर स्टोन की लाइट काटने के लिए हमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से नोटिस मिला था। हमने क्रेशर संचालक को नोटिस दे रखा है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
– रामखिलाड़ी मीणा, अधीक्षण अभियंता, जयपुर डिस्कॉम, झालावाड़

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नोटिस दिया गया था। उसकी पूरी पालना करवाई जाएगी। कुछ कमियां है। ढकान करने के लिए बोला है, जल्दी ही पूरा करेंगे।
– मनोज शर्मा, संचालक, तिरुपति स्टोन क्रेशर

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