यहां कक्षा 1 से 8 तक 172 छात्र-छात्राएं हैं। कमरों के अभाव में सभी सर्दियों में धूप में और गर्मियों में पेड़ के नीचे बैठते हैं। पास से मंदिर है। इसमें एक कक्षा संचालित हो रही है। यदि मंदिर में कोई कार्यक्रम होता है तो उस दिन कक्षा यहां नहीं लगती। बरसात में आए तो बच्चों की छुट्टी रहती है।
विद्यालय में पुराना भवन जो जर्जर है। जगह-जगह दीवारों में दरारें पड़ी हैं, प्लास्टर उखड़ चुका है, दरवाजे-खिड़कियां खराब हो चुकी हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सन 2017 में भवन को नकारा घोषित कर दिया था। तत्कालीन ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को भवन में नहीं बैठाने के आदेश भी जारी किए थे, तब से अब तक नया भवन नहीं बना।
9 अगस्त 2017 को प्रधानाध्यापक ने उपखंड अधिकारी को पत्र लिखकर भवन की उपयोगिता व मरम्मत के लिए पत्र लिखा था। इस पर पीडब्ल्यूडी द्वारा भवन की जांच कर अगस्त 2017 में अवगत कराया था, कि भवन उपयोग की दृष्टि में असुरक्षित है।
विद्यालय तथा ग्रामीणों द्वारा कई अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। विद्यालय में एकमात्र प्रधानाध्यापक का कक्ष है, वह भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। उसमें विद्यालय के सभी दस्तावेज रखे हैं। विद्यालय में बामन देवरिया, चांदखेड़ी, राजपुरिया, कंजरडेरा चार गांव के छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं।
पूर्व प्रधानाध्यापक सुनील कुमार चौधरी ने बताया 7 साल से लगातार विभाग को भवन के लिए अवगत कराया। विद्यालय के ऊपर से 11 केवी हाई वॉल्टेज की विद्युत लाइन गुजर रही है। जिसको अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए भी कई बार लिखा, लेकिन नहीं हटाया। वर्ष 2021 में लाइन का तार टूटने से महिला की मौत भी हो चुकी है।
राजस्थान में यहां लुटेरों के हौसले बुलंद, रात ढाई बजे ATM काटा और ले उड़े लाखों का कैश
विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में कई बार भवन के प्रस्ताव लेकर उच्च अधिकारियों को भेजे, लेकिन कोई अमल नहीं हुआ।
किशन सिंह, अध्यक्ष, विद्यालय प्रबंधन समिति
7 साल से बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे हैं। कई बार उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
कुशाल सिंह, ग्रामीण
सन 2017 में पीडब्ल्यूडी ने भवन को अयोग्य घोषित कर दिया, तो उसके बाद भी नया भवन नहीं बना, बच्चे खुले में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सरकार को नया भवन बनाना चाहिए।
रामलाल, ग्रामीण
विद्यालय द्वारा लगातार विभाग व जनप्रतिनिधियों को भवन के बारे में अवगत कराया जा रहा है। कमरों के अभाव में बच्चों को पेड़ के नीचे और धूप में बैठाया जा रहा है। बना हुआ भवन काफी क्षतिग्रस्त है, जो उपयोग में लेने योग्य नहीं है।
रवि मीणा, प्रधानाध्यापक
विद्यालय द्वारा नए भवन का प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रमेश चंद्र वर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, डग