एसीबी कोटा केअतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि शुक्रवार देर रात तक मोजावत और अस्मिता सिंह के सभी 10 ठिकानों पर तलाशी कर दस्तावेजों को एकत्र किया गया था। जांच में उनके पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति पाई गई। इन सभी चल-अचल सम्पत्तियों की सूची बनाई जा रही है। यह सम्पत्तियां कब, किससे और किसके नाम खरीदी। इसकी जांच की जा रही है। इन सम्पत्तियों की खरीद में कितना खर्च और निवेश किया गया। इसका पता किया जा रहा है। वैध आय से अधिक सम्पत्ति पाए जाने पर दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
एसीबी टीम ने शुक्रवार को जयपुर व झालावाड़ में उनके दो बैंक लॉकर सीज किए थे। इन दोनों लॉकरों को सोमवार को खोला जा सकता है। इन लॉकर में बड़ी मात्रा में नगदी व जेवरात मिलने की संभावना है।
पत्नी तहसीलदार-पति उप रजिस्ट्रार, पांच जिलों में करोड़ों की सम्पत्ति
पदोन्नति, लेकिन झालावाड़ नहीं छोड़ा
संयुक्त रजिस्ट्रार के पद पर पदोन्नति के बाद मोजावत को बूंदी केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रबंध निदेशक के पद पर लगाया। उन्होंने वहां पर उपस्थिति दी, लेकिन उनके पास अभी भी झालावाड़ में उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, सचिव भूमि विकास बैंक और महाप्रबंधक सहकारी उपभोक्ता भंडार का अतिरिक्त कार्यभार है।
गलत तरीके से रजिस्ट्री करने की मिल रही थी शिकायतें
सूत्रों के अनुसार अस्मिता सिंह के खिलाफ गलत तरीके से रजिस्ट्री करने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। हाल ही में भीलवाड़ा, झालरापाटन, झालावाड़ के एक कॉलोनाइजर की रजिस्ट्री के मामले में भी जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को शिकायतकी थी।
शिकायतों के बावजूद मोजावत पद पर बने रहे
उप रजिस्ट्रार राय सिंह राजावत विवादों में रहे है। वे रसूख के चलते झालावाड़ और आसपास के जिलों में जमे रहे। मोजावत ने 30 जुलाई 14 को झालावाड़ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला था। 28 मार्च 17 को अनियमितता की शिकायत के बाद एपीओ किया गया था। इसके बावजूद भी वह 23 अप्रेल 17 तक प्रबंध निदेशक के पद पर बने रहे।