पूरा बस स्टैंड परिसर अतिक्रमण से घिरा हुआ है। जिस पर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है। यहां जनसुविधाओं का टोटा है। यात्रियों को बैठने की जगह भी नहीं मिलती है। पूरे परिसर में गंदगी पसरी रहती है। यहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां यात्री प्रतिक्षालय भी बना है लेकिन उसकी दुर्दशा हो रही है।
बस स्टैंड में कहने के लिए तो यात्री सुविधा के लिए प्रतीक्षालय और सार्वजनिक सुलभ शौचालय बने हैं। लेकिन गंदगी और अव्यवस्था के बीच इसका लाभ मुसाफिरों को नहीं मिल पाता है। हालांकि पेंशनर समाज ने पहल कर बस स्टैंड पर पीने के पानी का वाटर कूलर लगाकर मुसाफिरों को राहत दी है।
निजी बसें व टैक्सियों का भी जमावड़ा रोडवेज बसों के समानांतर निजी वाहनों टैक्सियों व बसों का भी संचालन इसी बस स्टैंड से होता है। इससे रोडवेज का राजस्व का घाटा भी हो रहा है। अवैध वाहन चालकों और रोडवेज कर्मियों में आए दिन झगड़े होते हैं। जबकि सरकार ने रोडवेज बस स्टैंड व बाहर से निजी वाहनों के संचालन पर रोक लगाई हुई है।
गंदगी का आलम बस स्टैंड पर सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं है जिससे सड़क पर कूड़ा कचरा व गंदगी फैली रहती है। नगरपालिका की ओर से भी पर्याप्त कूड़ा दान की व्यवस्था नहीं की है। पालिका के सफाई कर्मी प्रतिदिन इसकी सफाई करते हैं लेकिन अल सुबह सफाई होने के बाद दुकानदार अपनी दुकान खोलता है और कचरा सड़क पर फेंक देता है जिससे सफाई चौपट हो जाती है।
ठेले वालों से सब परेशान बस स्टैंड परिसर को करीब पचास से अधिक ठेले वालों ने घेर रखा है, जो बसों के आसपास खड़े हो जाते हैं। ऐसी स्थिति हो जाती है कि बस यात्रियों को उतरने-चढ़ने में भी परेशानी होती है। इन दिनों अमरूद, सिंघाड़े, सेवफल, केले, कचोरी, समोसे, चाट व फुटकर विक्रेताओ से बस स्टैंड भरा पड़ा है।
यात्री प्रतीक्षालय पुराना बना हुआ है। इसके एक हिस्से में रोडवेज की विंडो है। बाकी शेष स्थान पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसकी साफ सफाई व अन्य अव्यवस्थाओं के संबंध में पालिका कर्मियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
विकास प्रजापति, कार्यवाहक एसडीएम अकलेरा बस स्टैंड पर पीछे की तरफ इन टैक्सियों को खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। आवश्यक होने पर चालान काटे जाते हैं।