आंगनबाड़ी में पढऩे वाले ज्यादा बच्चे मजदूर या गरीब वर्ग के हैं। सरकार की इस घोषणा से इन बच्चों को भी दूध नसीब होगा। अभी सरकारी स्कूलों में 1 से 5 तक के बच्चों को प्रतिदिन 15 ग्राम दूध का पाउडर व 6 से 8 तक के बच्चों को 20 ग्राम दूध का पाउडर दिया जाता है। जिसे घोलकर दूध बनाकर बच्चों को पिलाया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पाउडर का दूध मिलेगा या डेयरी का इस बारे में अभी कुछ तय नहीं हो पाया है।
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जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों को सप्ताह में दो दिन पिलाने की योजना राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी शुरू की थी, लेकिन सालभर बीतने के बाद भी यह योजना फाइलों से बाहर नहीं आ पाई। इस बार उमीद है कि यह योजना सफल हो पाएगी। बच्चों को प्रतिदिन दूध पीना चाहिए, दूध पीने से दांत और हड्डियां मजबूत बनती है। दूध में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। दूध बीमार व्यक्ति के लिए दवा का काम करता है।