जानकारी के अनुसार मैसर्स गुरुकृपा लॉजिस्टिक फर्म को टोंक में ई-टेंडर में उच्चतम दरों पर भाग लेने के बाद 15 दिन में बकाया राशिजमा करवानी थी, लेकिन फर्म के बकाया राशि जमा नहीं करवाने पर जमा की गई 40 लाख रुपए जब्त कर खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक ने फर्म को पांच साल के लिए किसी भी तरह के ई-टेंडर में भाग लेेने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बावजूद काली सिंध थर्मल पावर प्लांट में फर्म के बारे में पड़ताल किए बगैर ही मैसर्स गुरुकृपा लॉजिस्टिक फर्म को 8 लाख एमटी फ्लाई ऐश का टेंडर नि:शुल्क दे दिया गया है।
कई फर्मों ने किया था आवेदन कालीसिंध थर्मल में करीब चार माह पहले ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत 11 फर्मों ने ई-टेंडर में भाग लिया था। थर्मल प्रशासन ने प्रतिबंधित फर्म को ठेका दे दिया है। ऐसे में अन्य फर्में नियमानुसार टेंडर में भाग लेने के बाद भी बाहर हो गई।