रेल का हुआ विस्तार, अब सुविधाओं की दरकार
-रेलवे स्टेशन पर परेशान होते यात्री
रेल का हुआ विस्तार, अब सुविधाओं की दरकार
रेल का हुआ विस्तार, अब सुविधाओं की दरकार
-रेलवे स्टेशन पर परेशान होते यात्री
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन बने करीब 6 वर्ष हो गए। यहां पहले दो रेल सेवा संचालित थी लेकिन अब बुधवार से झालावाड़ में तीन रेलों का आवागमन हो जाएगा। झालावाड़ रेलवे स्टेशन पर रेलों का तो विस्तार हुआ लेकिन सुविधाओं का विस्तार अभी तक नही हो पाया है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्टेशन पर सबसे ज्यादा परेशानी केंटींन नही होने व जनसुविधाओं पर ताला लगा होने से हो रही है। यहां दुकानें भी बनी हुई है लेकिन उसे भी शुरु नही किया जा सका है। पार्किंग संचालन के लिए भी कोई सुविधा नही है। प्रतिक्षालयों पर भी ताले लगे रहते है।
-6 साल हो गए स्टेशन शुरु हुए
झालावाड़ सिटी रेलवे स्टेशन 19 मार्च 2013 में खुल चुका था लेकिन यहां 21 जून 2013 को पहली रेल कोटा-झालावाड़ सिटी पेसेंजर शुरु हुई। इसके बाद लोगों की मांग पर दो साल बाद 5 मार्च 2015 को कोटा-बीना पेसेंजर का होली डे के रुप में झालावाड़ तक विस्तार किया गया। इससे जिले वासियों को राहत मिली। इसके बाद रेलवे की ओर से जिला मुख्यालय को राजधानी जयपुर से सीधे जोडऩे के लिए 13 मार्च 2019 को कोटा-श्रीगंगानगर सुपर फास्ट एक्सप्रेस को शुर किया जा रहा है। अब झालावाड़ रेलवे स्टेशन पर तीन तीन रेलों का ठहराव व आवागमन हो रहा है। इससे यात्री भी बढ़ेगें तेा अब सुविधाओं की भी दरकार है।
-सुविधाओं पर ताला
रेलवे स्टेशन पर दो दुकानें स्थित है, जिनके शटर आज नहीं खुल सकें। इसी प्रकार अल्पाहार गृह भी निर्मित है लेकिन उसमें भी आज तक कोई सी भी खाद्य सामग्री नही बन पाई। रेलवे स्टेशन शहर से दूर वन क्षेत्र के निकट होने से आसपास बाजार व दुकानें भी नही बन सकती है इसलिए लोगों को खाने-पीने की चीजों के लिए भूखें रहना पड़ता है। स्टेशन पर वैसे तो महिला व पुरुषों के लिए जन सुविधाघर बने है वहीं दिव्यांगों के लिए भी शौचालय निर्मित किया गया है लेकिन इन तीनों पर ताले लगे हुए है। यात्री टायलेट के लिए परेशान होते रहते है, खासकर महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालाकि पेयजल के लिए वाटर कूलर है लेकिन वह सिर्फ रेल आने के समय ही शुरु किए जाते है। स्टेशन परिसर में पार्किंग संचालन का ठेका नही होने से लोग अपने वाहन आदि परिसर में बेतरतीब खड़े होकर आवागमन में बाधा उत्पन्न करते है। यहां ऑटो-रिक्शा वालों को आवागमन के दौरान अक्सर लड़ाई झगड़े करते देखा जा सकता है। इस दौरान कई बार झगड़े बढ़ जाते है व वारदात में धारदार हथियारों का प्रयोग हो जाता है। कुछ दिनो पहले भी सवारी बैठाने के मामले में एक ऑटो रिक्शा चालक को दूसरे चालक से चाकू मार कर घायल कर दिया था।
-प्लेटफार्म की लम्बाई बढ़ाने की भी दरकार
झालावाड़ सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म की लम्बाई की क्षमता रेल के 15 कोच व एक इंजन आने की है। एक डिब्बे की लम्बाई 23 मीटर होती है। अभी कोटा-झालावाड़ पेसेंजर रेल मात्र 10 डिब्बे की चल रही है लेकिन कोटा-श्रीगंगानगर सुपर फास्ट एक्सप्रेस में 24 कोच बताए जाते है। भविष्य में और गाडिय़ा आने पर प्लेटफार्म की लम्बाई बढ़ाने की आवश्यकता महसूस होगी।
-स्टेशन पर नही हो सकेगा आरक्षण
कोटा-श्रीगंगानगर सुपर फास्ट एक्सप्रेस में यात्रा के लिए आरक्षण की सुविधा झालावाड़ रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल सकेगी। इसके लिए लोगों को गढ़ भवन परिसर में स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र पर जाना पडेगा। वहीं शहर में संचालित निजी आरक्षण केंद्रों पर भी आरक्षण के लिए जाना पड़ेगा।
-व्यवस्था सुधारने का प्रयास करेगे
इस सम्बंध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेलवे कोटा विजय प्रकाश ने बताया कि झालावाड़ सिटी रेलवे स्टेशन पर जन सुविधाएं, यात्री प्रतिक्षालय स्थित है अगर वह बंद है तो उसे खुलवाने का प्रयास किया जाएगा। पार्किंग व केंटिन के लिए ठेके पर देने की प्रक्रिया चल रही है।
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