झालावाड़

झालावाड़ में इस बार रावण तभी मरेगा जब कवि सम्मेलन होगा

झालावाड़ नगर परिषद में रावण के वध और कवि सम्मेलन को लेकर भाजपाई पार्षदों और सभापति में ठन गई है।

झालावाड़Sep 23, 2017 / 04:21 pm

​Vineet singh

dispute on kavi sammelan In Jhalawar

झालावाड़ की राजनीति में रावण का वध भी बड़ा मुद्दा बन गया है। झालावाड़ नगर परिषद के सभापति, नामित और कांग्रेसी पार्षदों का गुट नवरात्रि महोत्सव में पिछले सालों की तरह कवि सम्मेलन कराना चाहता है, लेकिन भाजपा पार्षद नगर परिषद की कमजोर आर्थिक स्थित की बात कह आयोजन का विरोध कर रहे हैं। गैर भाजपाई खेमे ने नवरात्रि महोत्सव कवि सम्मेलन ना होने पर रावण के दहन में शामिल ना होने का ऐलान कर दिया है।
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5 लाख का बजट हुआ पास

भाजपा पार्षदों को वॉकआउट के बीच शुक्रवार को झालावाड़ नगर परिषद के पार्षदों की बैठक हुई। बैठक में सभापति मनीष शुक्ला और उप सभापति शफीक खान के साथ-साथ सभी नामित और आठ कांग्रेसी पार्षद शामिल हुए। जिन्होंने पिछले सालों की तरह ही इस बार भी नवरात्र महोत्सव के तहत कवि सम्मेलन कराए जाने के लिए 5 लाख रुपए का बजट स्वीकृति कर दिया। सभापति ने बताया कि इस बजट में से 2.5 लाख रुपए कवियों के लिए जबकि शेष राशि टेंट सहित अन्य कार्यों पर खर्च करने की सहमति बनी।
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भाजपा कर रही है विरोध

भारतीय जनता पार्टी के पार्षद नवरात्रि महोत्सव में कवि सम्मेलन कराए जाने का विरोध कर रहे हैं। भाजपा पार्षद जय सिंह झाला ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि जो भी निर्णय हो वो बोर्ड की बैठक में हो। इसके लिए सभी पार्षदों को बुलाकर सहमति ली जाए। हम भी चाहते है कि दशहरे पर कार्यक्रम हो, लेकिन पार्षदों को बुलाकर निर्णय किया जाए। सभापति पर बैठक बुलाने के नाम पर डर बैठे होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पांच-पांच मनोनीत सदस्य बुलाए। इसकी जानकारी भी सभापति ने हमें नहीं दी। सीधे उन पार्षदों को फोन कर दिए। जो गलत है।
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कांग्रेस का एक धड़ा भी विरोध में

भाजपा ही नहीं कांग्रेसी पार्षदों का एक धड़ा भी कवि सम्मेलन का विरोध कर रहा है। इस धड़े से जुड़े कांग्रेस पार्षद फारूख अहमद ने कहा कि नगरपरिषद की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। पिछले दो माह से कर्मचारियों को वेतन व पार्षदों को भत्ते नहीं मिल पा रहे है। हम दशहरे के कार्यक्रम के पक्ष में है। लेकिन पहले नगरपरिषद की आर्थिक स्थिति तो ठीक हो। हमें शुक्रवार को बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं थी। इसलिए इसमें सम्मिलित नहीं हो सके।
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नहीं होगा रावण दहन

विरोध के बीच सभापति मनीष शुक्ला ने कहा कि नगरपरिषद के कर्मचारियों के मानदेय व अन्य वेतन का जल्द ही भुगतान हो जाएगा, लेकिन इसे आधार बनाकर कवि सम्मेलन जैसे धार्मिक कार्यक्रम को नहीं होने दिया जाता है तो रावण दहन के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होंगे।

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