झालावाड़

हाल ए आंगनबाडी केन्द्र: कहीं ताले लगे मिले, तो कहीं बच्चे ही नदारद

भवानीमंडी. महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश सरकार जहां एक और नौनिहाल और गर्भवती महिलाओं को लेकर सचेत है और उनके हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर भरपूर लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर भवानीमंडी नगरपालिका क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मनमानी कर […]

झालावाड़Nov 20, 2024 / 08:26 pm

jagdish paraliya

  • भवानीमंडी. महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश सरकार जहां एक और नौनिहाल और गर्भवती महिलाओं को लेकर सचेत है और उनके हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर भरपूर लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर भवानीमंडी नगरपालिका क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मनमानी कर विभाग को चूना लगाने और उनकी योजनाओं को पलीता लगाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
भवानीमंडी. महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश सरकार जहां एक और नौनिहाल और गर्भवती महिलाओं को लेकर सचेत है और उनके हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर भरपूर लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर भवानीमंडी नगरपालिका क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मनमानी कर विभाग को चूना लगाने और उनकी योजनाओं को पलीता लगाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
जिसका अंदाजा 10 बजते ही आंगनबाड़ीकेन्द्रों पर हर रोज लटक रहे तालों एवं केंद्रों पर नदारत बच्चों की संख्या से लगाया जा सकता है। ऐसे में नौनिहाल और गर्भवती महिलाओं को सरकार की योजनाओं का कैसे लाभ मिल सकता है। इस तरह तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अपना पेट भरती नजर आ रही हैं क्योंकि उन्हें किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के निरीक्षण का डर नहीं है।
गौरतलब है कि भवानीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में 40 ही वार्डो में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें से पत्रिका टीम द्वारा मंगलवार को सुबह 11.30 बजे से दोपहर पौने 2 बजे तक आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया गया। जिसमे से 4 केंद्रों पर ताला लटका मिला। वही 3 केंद्रों पर बच्चे नदारत मिले।
ऐसे मिले हालात-

पत्रिका संवाददाता जब दोपहर सवा 12 बजे जवाहर कालोनी स्तिथ वार्ड नंबर 11 के आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचा तो केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिभा तिवारी व आशा सहयोगिनी चेतना मौजूद थी। लेकिन बच्चे नदारत थे। वही दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर शाखा गली स्थित वार्ड नम्बर 12 के आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकर्ता इंदुबाला राजोरा मौजूद थी। केंद्र पर 20 बच्चो का नामांकन होने के बाउजूद एक भी बच्चा केंद्र पर मौजूद नही था। जबकि हजारी रजिस्टर में 8 बच्चो की उपस्थिति दर्ज की हुई थी। 1 बजकर 5 मिनट पर पचपहाड़ रोड पर स्थित वार्ड नम्बर 1 के आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटका हुआ। वही वार्डवासी महिला पूजा राजवाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र अधिकांश बार बंद ही रहता है। बच्चो के पोषाहार के लिए केंद्र के चक्कर लगाने के बाद भी पोषाहार नही मिलता है। आंगनबाड़ी सहायिका द्वारा आयुष्मान कार्ड भी नही बनाये जा रहे है। जब कार्यकर्ता कृष्णा से बात की गई तो कार्यकर्ता ने तबियत खराब होने के चलते आंगनबाड़ी केंद्र नही खुलने की बात कही।1 बजकर 15 मिनट पर बालाजी चौराहा पर गली में स्थित वार्ड नंबर 15 का भी आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला। दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर नेमीचंद भंवर लाल के बगीचे में स्थित वार्ड नंबर 13 का आंगनबाड़ी केंद्र खुला हुआ था। मौके पर कार्यकर्ता संगीता गुप्ता बच्चो के हाजरी रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कर रही थी। लेकिन मोके पर एक भी बच्चा उपस्थित नही था। 20 बच्चो के नामांकन पर 10 बच्चो की उपस्थिति दर्शा रखी थी। वही मंगलवार को शक्ति दिवस भी नही बनाया गया। 1 बजकर 28 मिनट पर अम्बे माता मंदिर चौराहा स्थित वार्ड नम्बर 17 का आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद मिला।
एक अवकाश पर दूसरी ने नहीं खोला केन्द्र-

दोपहर 1बजकर 48 मिनट पर एकता नगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटका हुआ था। आशा सहयोगिनी निशा शर्मा ने स्वयं के अवकाश पर होने एवं कार्यकर्ता जेबुनिशा द्वारा केंद्र नहीं खोलने की बात कही। वहीं दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर वार्ड नम्बर 23 के केंद्र पर कार्यकर्ता सिताराबी एवं सहायिका स्वालेदा प्रवीण गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरित कर रही थी। मंगलवार को मीठा दलिया पोषाहार में होने के बाउजूद किसी भी केंद्र पर बच्चो का पोषाहार बना हुआ नही मिला।
कोई अधिकारी नही करता निरीक्षण-

केंद्र पर पदस्थ कार्यकर्ता और सहायिका खुलने के समय बीच कभी भी एक से दो घंटे के बीच केंद्र पर अपनी ड्यूटी करके चली जाती हैं। ऐसी स्थिति में कई बार तो बच्चे और अभिभावक केंद्र पर ताला लगा हुआ देखकर वापस लौट जाते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्रों पर संबंधित विभाग का कोई अधिकारी निरीक्षण करने के लिए नहीं आता है। इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर पदस्थ कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। वहीं इनके द्वारा बच्चों को खाने के लिए पोषण आहार नहीं बनाया जा रहा है।
किराया नहीं चुकाया तो बंद कर दिया-

संस्कृत स्कूल तिराहे पर वार्ड नम्बर 14 का संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला। जब आसपास के लोगो से केंद्र के खुलने की पड़ताल की गई तो पता चला आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित था। लेकिन लंबे समय से किराया नहीं चुकाने के अभाव में आंगनबाड़ी केंद्र बंद है। वर्तमान में केंद्र कहां संचालित हो रहा है इसकी जानकारी भी किसी को नही है। पत्रिका टीम द्वारा जब केंद्र ढूंढने के लिए वार्डवासियों से सम्पर्क किया गया तब भी आंगनबाड़ी केंद्र नही मिला। केंद्र पर तैनात सहायिका, कार्यकर्ता से भी बात करना चाही लेकिन किसी ने भी दिनभर फोन रिसीव नही किया।
इनका कहना-

आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण करवाए जाएंगे, अगर कहीं केन्द्र बंद है तो नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

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