इसके लिए कक्षा 1 से 5में अध्ययन करने वाले बालक-बालिकाओं के नामांकन के आधार पर प्रति बालक-बालिकाओं को 100 रुपए स्वीकृत किए गए है। नई शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक स्तर पर बुनियादी साक्षरता एंव संख्या ज्ञान की समझ पर बल दिया गया है।
जिमसें प्राथमिक शिक्षा को एक मजबूत बुनियाद के रूप में स्वीकार किया गया है। इसमें इस बात की भी अनुशंषा की गई है कि बच्चों को खेल और गतिविधि आधारित सीखने के साथ भयमुक्त और सुरक्षित वातावरण मिले।
गुणात्मक शिक्षा पर जोर-
वार्षिक कार्ययोजना 2023-24 में फाउंडेशन लिट्रेसी एंव न्यूमरेसी निपुण भारत के अन्तर्गत बालक-बालिकाओं को गतिविधि आधारित गुणात्मक शिक्षा एवं सृजनात्मक कार्य को बढ़ावा देने के लिए कला किट के लिए राशि अनुमोदित की गई है। विद्यार्थियों का शिक्षण से जुड़ाव, प्रभावी अधिगम एवं अधिकाधिक अभ्यास के अवसर प्राप्त हो सके। इसके लिए कक्षा 1 से 5 वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के सीखने को सरल, सहज, रोचक, आनन्ददायी गतिविधि आधारित बनाने के लिए कला किट उपलब्ध कराई जा रही है। जिला समग्र शिक्षा कार्यालय को कला किट के लिए राशि की स्वीकृति प्राप्त होने पर अविलंब सभी ब्लॉक के माध्यम से विद्यालयों को कला किट के लिए राशि के उपयोग की स्वीकृति जारी की जाएगी। विद्यालय को कला किट राशि की स्वीकृति प्राप्त होते ही एसएमसी व एसडीएमसी में प्रस्ताव लेकर सामग्री क्रय की जाएगी।ये है कला किट का उदेश्य- –
कला के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने के प्रति रूचि पैदा करना – विद्यार्थियों में क्रियात्मक व सृजनात्मक कौशलों का विकास करना। -विद्यार्थियों में उत्पन्न हुए अधिगम अंतराल को कम करना -स्वंय प्रयोग कर ज्ञान सृजन के अवसर उपलब्ध करना – गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध काराना।
फैक्ट फाइल
कक्षा पहली 17507
कक्षा दूसरी 19244
कक्षा तीसरी 19528
कक्षा चौथी 19340
कक्षा पंाचवी 18605
कुल 94224
खेल-खेल में आसान तरीके से शिक्षा मुहैया करवाने के लिए –
नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 1 से 5वीं तक के विद्यार्थियों को खेल-खेल में आसान तरीके से शिक्षा मुहैया करवाने के लिए अगले सत्र से खेल किट दिए जाएंगे। इसमें सारणी, मौखोटा आदि के माध्यम से बच्चों को सरल तरीके से प्रारंभिक शिक्षा से जोडऩा है। बच्चों में गुणात्मक शिक्षा एवं मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए कला किट का प्रावधान नई शिक्षा नीति में किया गया है।सीताराम मीणा, एडीपीसी, समसा, झालावाड़।