ठगी के 2300 मामले सामने झालावाड़. झालावाड़ जिले में भी साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे है। पिछले कुछ समय में ठगी के 2300 मामले सामने आए हैं। इनमें कईयों ने साइबर ठगी में लाखों रुपए गंवा दिए तो कई लोग घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रहे। कई ठग कॉल सेंटर के नाम पर फोन कर लोगों से ओटीपी और अन्य माध्यम से ठगी कर रहे है तो कई अब पुलिस, सीबीआई या टेलीकॉ अधिकारी बनकर लोगों को धमका रहे। जिले में लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक, इंस्टाग्राम व व्हाट्सअप के जरिए सेक्सटॉर्शन और हनी ट्रेप के जाल फंसाने की कोशिश की जा रही, वहीं सस्ते प्रोडक्ट के जाल में फंसाकर ब्लैकमेल कर रूपए ऐंठने लगे हैं। जिले में एपेक फ ाइल के माध्यम से शादी का निमंत्रण, पीएम आवास व अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी के नाम पर फ ाइल भेज कर ठगी की जा रही हैं।
जिले भर के विभिन्न थानों में साइबर ठगी के अब तक 2300 मामले दर्ज हो चुके है। इसमें सोशल मीडिया के माध्यम से सैंकड़ो लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। 488 से अधिक लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की गई। जिले में बैंक ठगी के दो बड़े मामले भी सामने आए जिसमें एक मामले में 32 लाख व दूसरे में 54 लाख रूपए की ठगी हो चुकी है। ऐसे में जिले में साढ़े आठ करोड़ से अधिक की राशि अभी भी ठगों के पास फंसी हुई है।
साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होना जरूरी जिला पुलिस अधीक्षक ऋ चा तोमर से साइबर अपराध पर नियंत्रण एवं लोगों को जागरूक करने के बारे में बातचीत के अंश। सवाल- झालावाड़ जिले में किस तरह के साइबर अपराध ज्यादा हो रहे हैं। जिले के हालात मेवात की तरह बनने लगे है।
तोमर- नहीं, साइबर ठगी के मामले में झालावाड़ के हालात मेवात क्षेत्र की तरह नहीं बने है। देश में होने वाले साइबर क्राइम का एक बड़ा हिस्सा देश के अन्य राज्यों की गैंग से किया जा रहा है। ऑपरेशन एंटीवायरस के जरिए इस पर काफ ी हद तक नियंत्रण हुआ है।
सवाल- जिले में साइबर ठगी का कोई हॉट स्पॉट है। तोमर- नहीं जिले में ऐसा कोई हॉट स्पॉट नहीं है। सवाल- साइबर ठगी से निपटने के लिए किस प्रकार की व्यवस्था है। तोमर- साइबर ठगी के प्रकरणों के निस्तारण के लिए जिले में गढ़ में साइबर पुलिस थाना संचालित है। इसके अलावा सभी पुलिस थानों में साइबर अपराध की शिकायतें व प्रकरण दर्ज करने की सुविधा है।
सवाल- साइबर ठगी को रोकने के लिए आप क्या सीख देना चाहेंगे। तोमर- साइबर अपराध परिचित बनकर कॉल करते है। वे कम निवेश पर अधिक मुनाफे का लालच भी देते है। अगर किसी के साथ ऑनलाइन ठगी हो जाएं तो घबराएं नहीं, तुरंत निकट के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं। अपना बैंक खाता तत्काल ब्लॉक करवाएं।इन दिनों जिस तरह से तकनीक बढ़ रही है, उसका इस्तेमाल बहुत जागरूकता से करना जरूरी है।
केस1 जिले के पिड़ावा निवासी महेश कुमार से पेन पैंसिल, पैकिंग में जॉब करने के नाम पर एक फ ॉर्म भरवाकर एक फोन अकाउण्ट में 4100 रूपए डलवा लिए। फिर उसे ब्लॉक कर दिया गया।
केस 2 झालरापाटन के एक युवक लोकेश कुमार सेे भी पैन -पैंसिल के जॉब के नाम पर 35899 रुपए खाते में डलवा लिए। बाद में पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हो गई।
केस 3 झालावाड़ के मनीष कुमार के साथ सस्ते प्रोडक्ट के नाम पर ठगी हुई। उसे ज्यादा मुनाफा बताकर ऑनलाइन 11027 रूपए डलवा लिए। बाद में पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई।
केस4 रायपुर के एक किसान बनवारी लाल के साथ किसान क्रेडिट कार्ड की एपेक फ ाइल भेज कर डाउनलोड करने के बहाने उसके खाते से 81 हजार रुपए ठग लिए।
झालावाड़ शहर में हर्ष चौधरी के साथ ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर 16 हजार की ठगी हुई। उन्होंने जो ऑर्डर किया, वह सामान नहीं आया। फैक्ट फाइल जिले में परिवाद व दर्ज मामले: 2300
जिले में अभी तक कुल फ्रॉड हुआ: 11 करोड़ 12 लाख 73 हजार 486 जिले में ब्लॉक करवाई रकम: 1 करोड़ 20 लाख 33 हजार 815 जिले में अभी तक रिफंड करवाई रकम: 2627818
ऐसे बच सकते है ठगों से सतर्क रहे, सुरक्षित रहें: शक होने पर तुरंत फोन काट दें। फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें। इग्नोर करें: साइबर ठग बताते हैं कि आप मनी लॉन्ड्रिंग या चोरी जैसे अपराधों के तहत जांच के दायरे में हैं। ऐसे किसी कॉल और ई.मेल पर ध्यान न दें।
घबराएं नहीं: साइबर ठग कॉल पर बातचीत के दौरान गिरतारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं। घबराना नहीं है। न ही बैंक डिटेल व यूपीआइ आइडी शेयर करनी है। जल्दबाजी करने से बचें: कॉल या वीडियो कॉल पर ठगों के सवालों और तर्कों का जवाब देने में जल्दबाजी न करें। कोई निजी जानकारी न दें।
साक्ष्य जुटाएं: कॉल के स्क्रीनशॉट या वीडियो रिकॉर्डिंग सेव करे, ताकि आवश्यक होने पर उपयोग कर सकें। फिशिंग से बचें: फिशिंग से बचें। इसमे ठग आपके कंप्यूटर तक पहुंचकर व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं। धोखाधड़ी को रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत