एक्सक्लूसिव हरिसिंह गुर्जर जिले के बकानी क्षेत्र के चार गांवों के सैकड़ों किसानों को अब सिंचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बजट घोषणा के अनुसार यहां नानौर गांव में 21 करोड़ रुपए की लागत से मिनी एनिकट बनाया जाएगा। एनिकट बनने के बाद फ व्वारा पद्धति से सिंचाई होगी। इसके लिए किसानों के खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन डाली जाएगी। एनिकट बनने से क्षेत्र के किसानों को तो इसका फ ायदा मिलेगा। साथ ही आसपास के नलकूप व कुओं का जलस्तर भी बढ़ेगा। राज्य सरकार ने हाल ही में पेश बजट में खानपुर विधानसभा के बकानी कस्बे के नानौर गांव में एनिकट बनाने की घोषणा की थी।
बकानी कस्बे के नानौर गांव की सीमा मेंं रेंपला गांव से करीब ढाई किलोमीटर दूर कालीसिंध नदी पर 21 करोड़ रुपए की लागत से मिनी एनिकट प्रस्तावित किया गया है। जिसकी ऊंचाई दो से ढाई मीटर होगी। इसकी लंबाई 205 मीटर तक होगी। मौके पर सर्वे होने के बाद इसकी लंबाई व ऊंचाई में बदलाव भी हो सकता है। नानौर एनिकट से चार गांवों के किसानों की 48५ हैक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इसमें बकानी, रेंपला, कोटडागट्टा और लाल्याखेड़ी गांव शामिल है।
बकानी कस्बे के नानौर गांव की सीमा मेंं रेंपला गांव से करीब ढाई किलोमीटर दूर कालीसिंध नदी पर 21 करोड़ रुपए की लागत से मिनी एनिकट प्रस्तावित किया गया है। जिसकी ऊंचाई दो से ढाई मीटर होगी। इसकी लंबाई 205 मीटर तक होगी। मौके पर सर्वे होने के बाद इसकी लंबाई व ऊंचाई में बदलाव भी हो सकता है। नानौर एनिकट से चार गांवों के किसानों की 48५ हैक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इसमें बकानी, रेंपला, कोटडागट्टा और लाल्याखेड़ी गांव शामिल है।
] फव्वारा पद्धति से होगी सिंचाई
एनिकट बनने के बाद चारों गांवों के किसानों की जमीन फ व्वारा पद्धति से सिंचित होगी। एनिकट से 485 हैक्टेयर जमीन तक पंपहाउस के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जमीन में भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी और पूरा नेटवर्क बनाया जाएगा। जिले के परवन बांध की तर्ज पर एनिकट से सिंचाई की जाएगी। इसमें भी पाइप के जरिए पानी डिग्गी पम्प हाउस पहुंचेगा। यहां से क्षेत्रवार करीब 100 -100 हैक्टेयर भूमि में फव्वारा सिंचाई पद्धति से खेतों तक पानी पहुँचेगा। इसके लिए छोटे स्तर पर क्षेत्रवार बने जल उपभोक्ता संगम से पाइप लाइन के जरिए प्रेशराइज्ड फव्वारा पद्धति काम में ली जाएगी।
एनिकट बनने के बाद चारों गांवों के किसानों की जमीन फ व्वारा पद्धति से सिंचित होगी। एनिकट से 485 हैक्टेयर जमीन तक पंपहाउस के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जमीन में भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी और पूरा नेटवर्क बनाया जाएगा। जिले के परवन बांध की तर्ज पर एनिकट से सिंचाई की जाएगी। इसमें भी पाइप के जरिए पानी डिग्गी पम्प हाउस पहुंचेगा। यहां से क्षेत्रवार करीब 100 -100 हैक्टेयर भूमि में फव्वारा सिंचाई पद्धति से खेतों तक पानी पहुँचेगा। इसके लिए छोटे स्तर पर क्षेत्रवार बने जल उपभोक्ता संगम से पाइप लाइन के जरिए प्रेशराइज्ड फव्वारा पद्धति काम में ली जाएगी।
यह होगा फायदा
बकानी क्षेत्र के चार गांवों के किसान साल में तीन-चार फ सल ले सकेंगे। एनिकट बनने से क्षेत्र का जल स्तर बढ़ेगा। साथ ही कालीसिंध नदी में बेकार बहकर जाने वाला बारिश का पानी सिंचाई के लिए काम आ सकेगा। वर्ष पर्यन्त एनिकट में पानी रहने से किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा। जो किसान रबी सीजन में सरसों की पैदावार लेते है, वे भी अब लहसुन-प्याज की बुवाई कर सकेंगे।
प्याज-लहसुन की फसल ले सकेंगे ” हमारे यहां एनिकट बनेगा तो खेतों में पर्याप्त पानी मिलने से अच्छी पैदावार होगी। पहले हम पानी के अभाव में सरसों की बुवाई करते थे। अब गेहूं, लहसुन, प्याज आदि की बुवाई कर सकेंगे।-कंवरलाल सुथार, नानौर।
जलस्तर बढ़ेगा
” गांव के निकट मिनी एनिकट बनेगा तो इससे गांवों के कुओं व ट्यूबवैल का जलस्तर स्वत: बढ़ जाएगा। इससे जिन किसानों के पानी की कमी रहती है, उन्हें इससे निजात मिलेगी। लेकिन बजट घोषणा के बाद काम समय पर पूरा हो तो किसानों को राहत मिले।-गोविन्द पाटीदार, बकानी खेड़ा।
” गांव के निकट मिनी एनिकट बनेगा तो इससे गांवों के कुओं व ट्यूबवैल का जलस्तर स्वत: बढ़ जाएगा। इससे जिन किसानों के पानी की कमी रहती है, उन्हें इससे निजात मिलेगी। लेकिन बजट घोषणा के बाद काम समय पर पूरा हो तो किसानों को राहत मिले।-गोविन्द पाटीदार, बकानी खेड़ा।
‘ बकानी के नानौर गांव में मिनी एनिकट बनाने की बजट में घोषणा हुई है। इसका जल्द सर्वे किया जाएगा। ये रेंपला गांव के पास काली सिंध नदी पर 21 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। इससे चार गांवों की जमीन फ व्वारा सिंचाई पद्धति से सिंचित होगी। इसके लिए खेतों पर अंडर ग्राउंड पाइप का पूरा नेटवर्क बनेगा।-बाबूलाल गहलोत, एक्सईएन सिंचाई विभाग झालावाड़