पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, थानाधिकारी हंसराज मीणा पुलिस बल के साथ लगातार स्नान पर निगाह रखे हुए थे। कार्तिक स्नान के लिए गुरुवार रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था जो पूरी रात जारी रहा। शुक्रवार तड़के 4 बजे से ही नगर के अलावा झालावाड़, जिले के दूर दराज कस्बों, कोटा, बारां, बूंदी जिलों के अलावा मध्य प्रदेश के कई स्थानों से श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ रही थी। महिलाएं रंग बिरंगे परिधान पहनकर कार्तिक गीत गाती हुई स्नान के लिए चंद्रभागा पहुंची, जहां पवित्र स्नान कर कई श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य चढ़ाया। महिलाओं और युवतियों ने नदी में दीपक रखकर टाटिया प्रवाहित की। श्रद्धालुओं ने गरीबों को वस्त्र व अन्न दान किया। पशु पक्षियों को चारा व चुग्गा डाला। श्रद्धालुओं ने बाद में पशुपतिनाथ मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, सूर्यमंदिर, श्रीमन नारायण मंदिर, चैतन्य बालाजी मंदिर, गोपीनाथ कुंड के बालाजी, चतुर्मुखी महादेव मंदिर दादाबाड़ी, द्वारिकाधीश मंदिर, पंचमुखी बालाजी मंदिर, बरड़ी के बालाजी मंदिर, खेड़ापति हनुमान मंदिर, आनंद धाम मंदिर, नागेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए।
सुरक्षा के प्रबंध जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग व नगर पालिका ने कार्तिक स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गुरुवार शाम से ही व्यवस्थाएं की थी। स्नान के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए नदी में पुलिस व घाटों पर पुरुष एवं महिला गोताखोरों की व्यवस्था की गई। स्काउट गाइड, सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर्स नगर के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यातायात व घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था बनाने में सहयोग दिया। माला, पूजन सामग्री व टाटिया खूब बिकी। कार्तिक स्नान के दौरान चंद्रभागा नदी में प्रवाहित करने के लिए टाटिया और मंदिर में चढ़ाने के लिए पूजन सामग्री, फूलमालाओं की अच्छी बिक्री रही।
मेले में आई रौनक कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ ही चंद्रभागा मेला शुक्रवार से व्यापारिक स्तर पर शुरू हो गया है। विभागीय स्तर पर यह मेला 20 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसके बाद मेले की व्यवस्थाएं नगर पालिका के जिम्मे रहेगी। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मेले के बाजारों में जमकर खरीदारी की। महिलाओं ने श्रृंगार, मनिहारी, ऊनी कपड़ों व बर्तन सहित घरेलू उपयोग के सामान की खरीदी की। जिससे दिनभर दुकानों पर भीड़ रही। वही बच्चों और महिलाओं ने मनोरंजन के साधन का लुत्फ उठाया।
भंडारा में प्रसादी पाई