स्थानीय जनजाति समाज हर दिवाली पर झाबुआ के राणापुर थाना क्षेत्र के चुई गांव की बाबा देव की एक पहाड़ी पर भैंसे को पहाड़ी से लुढक़ाकर परंपरा निभाते हैं। हर साल की तरह इस बार भी हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में यह उत्सव भविष्यवाणी परंपरा अपनाई गई। इस परंपरा पर विश्वास करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि इस बार भैसा तय सीमा से कुछ पहले रुक गया। लिहाजा इस बार बारिश औसत होगी। ग्रामीण हिमचंद कहते हंै कि हम इस परंपरा के जरिए सालों से बारिश का हाल जानते आए हैं और आज तक इस पहाड़ी पर इस परंपरा से जानी गई भविष्यवाणी कभी गलत नहीं हुई। इसलिए हमें इस पर भरोसा है। इस बार जो अनुमान लगा है वह अच्छी बारिश का है।
पहाड़ी की भविष्यवाणी ही सही मानते हैं लोग इसी आयोजन में आए एक युवा महेश से जब यह पूछा गया कि आप टीवी-पेपर की भविष्यवाणी या बारिश के अनुमानों पर भरोसा करते हैं या इस पहाड़ी की इस प्राचीन परंपरा पर तो युवक ने कहा कि हमारा जनजातीय समाज सिर्फ चुई की इस पहाड़ी से दिवाली पर हुई बलि के आधार पर आए अनुमानों को सही मानता है। चुई गांव के इस आयोजन के दौरान बड़ी संख्या मे लोग जुटते हैं।
मौसम विभाग नहीं देता कोई जानकारी गुड्डु ने बताया कि हमारे गांव वासी आसपास के गांव के लोग वर्षों से इसी भविष्यवाणी पर ही भरोसा करते हैं। हमें इस गांव में कोई मौसम विभाग वाले जानकारी नहीं देते हैं और न ही कृषि विभाग के लोग आते हैं।