मार्ग का प्रारंभिक हवाई सर्वे भी हो चुका है तो अब योजना को मूर्तरूप देने जमीनी सर्वे व निरीक्षण के लिए केंद्रीय निर्माण योजना के अधिकारी-कर्मचारी का निर्धारित मार्ग पर आगमन भी होने लगा है तो प्रशासनिक स्तर पर भी इस मार्ग पर आने वाली जमीनों के मुआवजे के प्रकरण बनाने के साथ ही दावा-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रशासनिक प्रक्रिया के शुरू होते ही जयस संगठन की पहल के साथ ग्रामीणजनों ने इस मार्ग निर्माण का विरोध भी शुरू कर दिया है। मार्ग निर्माण की दावे-आपत्ति के लिए प्रशासनिक स्तर पाए 21 अगस्त को विज्ञप्ति जारी की गई थी तथा 13 सितम्बर तक दावे-आपत्ति मांगे गए थे । गुरुवार को अंतिम दिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व थांदला के कार्यालय में क्षेत्र के 21 ग्राम पंचायतों के 39 गांवों के करीब 400 से अधिक ग्रामीणजन जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय पहुंचे व सामूहिक रूप से एक्सप्रेस हाइवे मार्ग निर्माण का विरोध किया व अपनी आपत्ति दर्ज करवाई । ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति में कुछ जजमेंट के रूलिंग का हवाला देते हुए लिखा कि हम भारत के संविधान का सम्मान करते है व संवैधानिक दायरे का उपयोग करते हुए पांचवी अनुसूची 244 ;1 अनुच्छेद 13 ;3 क समता जजमेंट आंध्रप्रदेश 11.07.1997 वेदांत जजमेंट 2011पी रम्मी रेडडी 14 जुलाई 198 8 के समस्त प्रवधानों को हमारे हितों में ध्यान रखते हुए हाइवे हेतु मेरी भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए ।
ग्राम सभाओं के प्रस्ताव भी दिए
आपत्तिकर्ताओं ने बताया कि हमने ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं की बैठकें कर आपत्ति प्रस्ताव पारित कर प्रस्तुत दिए और पृथक-पृथक आपत्तियां प्रस्तुत की है। किसी भी हाल में हमारी जमीन नही देगें। परम्परा अनुसार परिवार के बंटवारों में जमीन बट जाने से बड़े खाते न होकर अब केवल खाने लायक अनाज पकाने के लिए छोटे छोटे टुकड़ों में ही जमीन है और वह भी सडक़ निर्माण में अधिग्रहित हो जाए तो हम कहां जाएंगे और क्या खाएंगे।
रतलाम जिले से थांदला क्षेत्र में होगा प्रवेश
उक्त एक्सप्रेषवे रतलाम जिले के शिवगढ़ए रावटी से माही नदी को क्रॉस करते हुए थांदला तहसील के केशरपुरा ग्राम से झाबुआ जिले में प्रवेश करेगा व मोरझरी से सागर.अहमदाबाद हाइवे को क्रॉस करता हुआ मेघनगर खण्ड के 7
गांवों से होकर चारेल से गुजरात मे प्रवेश करेगा ।
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-बम्बई एक्सपेसवे झाबुआ जिले में केवल थांदला विधानसभा क्षेत्र के थांदला, मेघनगर विकासखंड के गांवों से होकर गुजरात के
दाहोद जिले में प्रवेश करेगा। इस मार्ग में थांदला खंड के 32 गांव व मेघनगर खंड के 7 गांवों से होकर गुजरेगा ।
हम संज्ञान ले लेंगे
दावे-आपत्ति के अंतिम दिन होने से जमीन अधिग्रहण के दायरे में आने वाले इन 39 गांवों से करीब 400 ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे, परन्तु एसडीएम के जिला मुख्यालय जाने से असमंजस में रहे। इस प्रतिनिधि ने इस बारे में जब जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिन्हें भी आपत्ति हो वे कार्यालय में सम्बंधित बाबू के पास प्रस्तुत कर दें हम संज्ञान ले लेंगे ।
आपत्तिकर्ताओं ने बताया कि हमने ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं की बैठकें कर आपत्ति प्रस्ताव पारित कर प्रस्तुत दिए और पृथक-पृथक आपत्तियां प्रस्तुत की है। किसी भी हाल में हमारी जमीन नही देगें। परम्परा अनुसार परिवार के बंटवारों में जमीन बट जाने से बड़े खाते न होकर अब केवल खाने लायक अनाज पकाने के लिए छोटे छोटे टुकड़ों में ही जमीन है और वह भी सडक़ निर्माण में अधिग्रहित हो जाए तो हम कहां जाएंगे और क्या खाएंगे।
रतलाम जिले से थांदला क्षेत्र में होगा प्रवेश
उक्त एक्सप्रेषवे रतलाम जिले के शिवगढ़ए रावटी से माही नदी को क्रॉस करते हुए थांदला तहसील के केशरपुरा ग्राम से झाबुआ जिले में प्रवेश करेगा व मोरझरी से सागर.अहमदाबाद हाइवे को क्रॉस करता हुआ मेघनगर खण्ड के 7
गांवों से होकर चारेल से गुजरात मे प्रवेश करेगा ।
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-बम्बई एक्सपेसवे झाबुआ जिले में केवल थांदला विधानसभा क्षेत्र के थांदला, मेघनगर विकासखंड के गांवों से होकर गुजरात के
दाहोद जिले में प्रवेश करेगा। इस मार्ग में थांदला खंड के 32 गांव व मेघनगर खंड के 7 गांवों से होकर गुजरेगा ।
हम संज्ञान ले लेंगे
दावे-आपत्ति के अंतिम दिन होने से जमीन अधिग्रहण के दायरे में आने वाले इन 39 गांवों से करीब 400 ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे, परन्तु एसडीएम के जिला मुख्यालय जाने से असमंजस में रहे। इस प्रतिनिधि ने इस बारे में जब जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिन्हें भी आपत्ति हो वे कार्यालय में सम्बंधित बाबू के पास प्रस्तुत कर दें हम संज्ञान ले लेंगे ।