आंखों के सामने पत्नी की काया राख में बदल जाने के बाद राज बहादुर परंपरा के अनुसार चिता ठंडी करने के लिए पानी डालने उठे तो अचानक वहीं गिर पड़े और उनकी सांसें थम गईं। स्वजन तुरंत निजी अस्पताल ले गए। डाक्टर ने देखते ही राज बहादुर को मृत घोषित कर दिया। स्वजन पार्थिव शरीर लेकर घर चले आए। गुरुवार की दोपहर रामघाट ले जाकर उसी स्थान पर उनका भी अंतिम संस्कार कर दिया जहां विद्या देवी का किया गया था। माता पिता के एक साथ निधन से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
वहीं गांव में पति पत्नी के कुछ ही घंटों के फासले पर हुई मौत को लेकर तरह तरह की चर्चा रही। परिजनों के अनुसार पति पत्नी में तालमेल बेहतर था। इसकी वजह से वह पत्नी के मौत के बाद काफी सदमे में चले गए थे। परिजनों के अनुसार चिता को देखकर वह काफी भावुक हो गए और चिता ठंडी होते होते उनकी सदमे की वजह से स्थिति काफी खराब हो गई और जब तक बेहतर इलाज मिलता तब तक उसने दम तोड़ दिया।