नेपुरा गांव में इरफान चार-पांच साल पहले सऊदी से आया था। वर्तमान में वह जफराबाद बाजार में एक चलनी बेचने वाले की दुकान पर काम करता था। जिसके लिए उसे एक हजार रुपये प्रति माह मिलता है। पत्नी शाहिना बानो ने पुलिस को बताया कि रोज की तरह उसका पति दुकान पर काम करने के लिए गया था। दोपहर करीब 12 बजे वह खाना खाने घर आया, तब वह नमाज पढ़ रही थी। इस दौरान इरफान दोनों बच्चों सायमा (7) और अरमान (5) को साथ ले गया।
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मानसिक हालत ठीक नहीं शाहिना ने बताया कि उसे लगा इरफान दोनों बच्चों को बाहर कुछ खिलाने ले गया है। शाम को करीब चार बजे जब वह घर लौटा तो बच्चों के बारे में पूछने पर बताया कि उन्हें कुएं में फेंक कर मार दिया। बच्चों को घर से 50 मीटर दूर बने कुएं में जाकर फेंका। इसके बाद वह काम पर चला गया। जानकारी होने पर परिवार में कोहराम मच गया। गांव के लोगों ने बताया कि इरफान की मानसिक हालत ठीक नहीं है। लेकिन इस बात की जांच की गई तो पुलिस को ऐसा लगा नहीं कि इरफान मानसिक रूप से बीमार है। यह भी पढ़ें
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ताकि बच्चों को न फैलाना पड़े हाथ शाहिना के बताया कि वह रात में जग कर बीड़ी बनाती थी, ताकि बच्चों को काम या खाने के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। लेकिन उसने रृकभी नहीं सोचा था कि उसका पति ही अपने बच्चों की जान का दुश्मन बन जाएगा। उधर, पुलिस घटना की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, दोनों की शादी 9 वर्ष पहले हुई थी। शादी में कोई समस्या नहीं थी। दोनों की जिंदगी हंसी खुशी कट रही थी। सऊदी से वापस आने के बाद नहीं गया वापस इरफान ने कई वर्षों तक सऊदी अरब में काम किया। वहां से वापस आने के बाद वह दोबारा वापस नहीं गया। परिवार वालों ने कहा कि वह तनाव में रहता था, जिससे कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वहीं, घर की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए पत्नी शाहिना ने घर में बीड़ी बनाना शुरू कर दिया। कुछ वर्षों तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन रविवार रात पति की हरकत से बच्चों की मौत के बाद घर मे कोहराम मच गया।