ओलन्दगंज निवासी सादिक ने न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एक जमीन खरीदने के लिए लकी यादव को चौदह लाख पैंसठ हजार रुपये दिए थे। बाद में सौदा रद हो गया। इस पर सादिक ने लकी से दी हुई रकम वापस मांगी। इसके बाद लकी यादव ने 2 मई 2019 को भारतीय स्टेट बैंक की मड़ियाहूं शाखा का चौदह लाख पैंसठ हजार का चेक सादिक को दिया। इस चेक को सादिक ने बैंक ऑफ बड़ौदा ओलन्दगंज की शाखा में जमा किया। लकी के खाते में पर्याप्त रकम न होने के कारण चेक बाउंस हो गया।
इसे भी पढ़ें- सपा के गढ़ में नहीं चली धनंजय सिंह की धाक, पिता की सीट जीते लकी यादव
सादिक को जब इसकी जानकारी हुई तो अधिवक्ता के माध्यम से लकी को नोटिस भेजा। जवाब न मिलने पर कोर्ट की शरण लेते हुए 25 जून 2019 को लकी के खिलाफ अपील की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद लकी को 6 अक्टूबर 2020 को तलब किया। लकी ने जौनपुर जिला जज मदन पाल सिंह की कोर्ट में निगरानी दायर कर दिया। कोर्ट ने 24 फरवरी को निगरानी खारिज कर दी। इधर, उपस्थित न होने पर जौनपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम नीरज सिंह की कोर्ट ने लकी यादव के खिलाफ बुधवार को गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वारंट जारी होने से लकी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
By Javed Ahmad