प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सवाल पर कि क्या वे अपने इस कार्य अनुभव को अपने परिवार के साथ साझा करते हैं। इस पर दिनेश ने बताया कि परिवार हमेशा उनके फिक्र में लगा रहता है और हिदायत देता है कि सावधानीपूर्वक अपने काम को करें। दिनेश ने बताया कि लगभग 8 से 9 महीने में वह घर जाते हैं और अपने परिवार से मिल पाते हैं। पीएम से बात करने की चर्चा पूरे जिले में फैल गई कई जाने वाले तो दिनेश को फोन कर उसे बधाई देने लगे। परिवार भी गर्व महसूस कर रहा है।
पेशे से टैंकर चालक हैं दिनेश उपाध्याय
मड़ियाहूं तहसील के जमुआ गांव निवासी दिनेश उपाध्याय किसान बाबुल नाथ उपाध्याय व कलावती देवी के चार पुत्रों में दूसरे नंबर पर हैं। दिनेश उपाध्याय पेशे से टैंकर चालक हैं। दिनेश ने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव की प्राइमरी पाठशाला में पूरी की। इसके बाद इंटरमीडिएट की शिक्षा क्षेत्र के ही जनता इंटर कॉलेज मेंहदी से ग्रहण की। वह 15 साल से मानगांव (मुंबई) में रहते हैं। उनकी पत्नी निर्मला देवी बच्चों व सास-ससुर के साथ गांव में ही रहती हैं। दिनेश के बच्चों में इकलौता पुत्र आर्यन उपाध्याय मड़ियाहूं पीजी कालेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा है। बड़ी बेटी सौम्या कक्षा नौ और छोटी श्रेया कक्षा सात में पढ़ती है।
मड़ियाहूं तहसील के जमुआ गांव निवासी दिनेश उपाध्याय किसान बाबुल नाथ उपाध्याय व कलावती देवी के चार पुत्रों में दूसरे नंबर पर हैं। दिनेश उपाध्याय पेशे से टैंकर चालक हैं। दिनेश ने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव की प्राइमरी पाठशाला में पूरी की। इसके बाद इंटरमीडिएट की शिक्षा क्षेत्र के ही जनता इंटर कॉलेज मेंहदी से ग्रहण की। वह 15 साल से मानगांव (मुंबई) में रहते हैं। उनकी पत्नी निर्मला देवी बच्चों व सास-ससुर के साथ गांव में ही रहती हैं। दिनेश के बच्चों में इकलौता पुत्र आर्यन उपाध्याय मड़ियाहूं पीजी कालेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा है। बड़ी बेटी सौम्या कक्षा नौ और छोटी श्रेया कक्षा सात में पढ़ती है।