बतादें कि बीते 6 नवंबर को खुटहन ब्लाक प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उपद्रव हुआ था। इस मामले में पुलिस ने इन पर गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पर इनके लगातार फरार होने के कारण न्यायालय ने मंगलवार को कुर्की का नोटिस जारी कर दिया।
इसके पहले भी पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह मौजूदा शाहगंज विधायक ललई यादव व एमएलसी प्रिंसू की गिरफ्तारी के लिए जिले की पुलिस ने कई बार इनके आवासों पर छापेमारी की थी। लेकिन इन्हे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही इनके फरार हो जाने से इनके खिलाफा कार्रवाई बढ़ती ही चली गई।
बतादें कि कि बीते छह नवंबर को खुटहन ब्लाक में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पथराव, फायरिंग व आगजनी हुई थी। प्रतापगढ़ के सांसद हरिवंश सिंह ने विधायक, पूर्व सांसद व एमएलसी बृजेश सिंह प्रिन्सू समेत 150 अज्ञात पर खुटहन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में पुलिस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही थी।
बतादें कि कि बीते छह नवंबर को खुटहन ब्लाक में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पथराव, फायरिंग व आगजनी हुई थी। प्रतापगढ़ के सांसद हरिवंश सिंह ने विधायक, पूर्व सांसद व एमएलसी बृजेश सिंह प्रिन्सू समेत 150 अज्ञात पर खुटहन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में पुलिस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही थी।
ऐसे शुरू हुआ था खुटहन विवाद
दरअसल खुटहन ब्लाक प्रमुख रहीं सरयू देई के खिलाफ प्रतापगढ़ से सांसद कुंवर हरिवंश सिंह की बहू व रमेश सिंह की पत्नी नीलम सिंह के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई। ब्लाक में इसके लिए बैठक आयोजित करने की तिथि 6 नवंबर तय हुई मुकर्रर की गई थी। तिथि का ऐलान होने के बाद से ही खुटहन ब्लाक प्रमुख रहीं सरयू देई के पक्ष में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने हाथ मिला लिया। इसके बाद बीडीसी सदस्यों को ब्लाक पर पहुंचने से रोकने की पूरी रणनीति तैयार की गई थी। ब्लाक पर पहुंचने वाले रास्ते पर समर्थकों की भारी भीड़ लगा दी गई। सदस्यों को लेकर वाहन पहुंचा तो उस पर पथराव हो गया।
दरअसल खुटहन ब्लाक प्रमुख रहीं सरयू देई के खिलाफ प्रतापगढ़ से सांसद कुंवर हरिवंश सिंह की बहू व रमेश सिंह की पत्नी नीलम सिंह के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई। ब्लाक में इसके लिए बैठक आयोजित करने की तिथि 6 नवंबर तय हुई मुकर्रर की गई थी। तिथि का ऐलान होने के बाद से ही खुटहन ब्लाक प्रमुख रहीं सरयू देई के पक्ष में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने हाथ मिला लिया। इसके बाद बीडीसी सदस्यों को ब्लाक पर पहुंचने से रोकने की पूरी रणनीति तैयार की गई थी। ब्लाक पर पहुंचने वाले रास्ते पर समर्थकों की भारी भीड़ लगा दी गई। सदस्यों को लेकर वाहन पहुंचा तो उस पर पथराव हो गया।
इन सब के बाद भी नीलम सिंह ने जीत हासिल कर ली। इसके बाद फायरिंग, और अगजनी की गई थी। जिसमें बाहुबवली धनंजय सिंह ललई यादव और प्रिसू समेत 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अब न्यायालय की नोटिस जारी होने के बाद इन तीनों की राह में बहुत बड़ी मुश्किल दिख रही है।