जौनपुर

26 की सांसद प्रिया सरोज का शायराना हमला, संसद में सरकार को घेरा

Priya Saroj: मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज ने संसद में भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने संविधान की संस्थाओं पर निरंतर आघात किया है।

जौनपुरDec 16, 2024 / 03:36 pm

Sanjana Singh

Priya Saroj in Parliament

Priya Saroj Shayari in Parliament: समाजवादी पार्टी की मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज का संसद में शायराना अंदाज देखने को मिला। उन्होंने अपने भाषण में शायरी और कथन से सरकार पर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने संविधान, इलेक्टोरल बांड, कृषि कानून और संभल हिंसा समेत कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा है। 
युवा सांसद प्रिया सरोज ने संसद में कहा, “2014 से पहले सभी सरकारों ने संविधान का आदर किया था और लोकतंत्र को सुरक्षित रखा। पिछले दस वर्षों से जब से एनडीए सरकार सत्ता में आई, इस सरकार ने संविधान की संस्थाओं पर निरंतर आघात करना जारी रखा। विकास के वादे पर विनाश की एक अंतहीन कथा रखी है। सरकार की नीतियां एक धर्म की ओर प्राथमिकता देकर धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रही है। असहमति जताने वालों को देशद्रोही कहा जाता और उनके खिलाफ हिंसा या धमकी को सही ठहराना आर्टिकल 19 और आर्टिकल 21 का सीधा उल्लंघन है।”

कृषि कानून पर बोलीं प्रिया सरोज

इसके बाद सांसद ने शायराना अंदाज में कहा, “तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं और यह दावा किताबी हैं।।” उन्होंने आगे कहा, “2018 में लाए गए इलेक्टोरल बांड ने राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता को खत्म किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया। कॉन्ट्रोवर्शल कृषि कानून ने किसानों का विश्वास तोड़ा, उन्हें रद्द किया गया, लेकिन किसानों की समस्या आज भी असुलझी है।”
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प्रिय सरोज ने शायरी से उठाया सरकार के खिलाफ सवाल

युवा सांसद प्रिया सरोज ने संसद में कहा, “मंदिर मस्जिद के नाम पर संभल जैसे नए-नए विवाद को जन्म देकर समाज में निरंतर घृणा और नफरत का माहौल पैदा किया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों ने यह कैसा हिंदुस्तान कर दिया, बेजान इमारतों को हिंदू-मुसलमान कर दिया।।”
उन्होंने आगे कहा, “स्वतंत्र संस्थानों और मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है। दलित की बेटी का अपहरण होना, उनका रेप कर दिया जाना, उनके शव को पुलिस द्वारा रात को पेट्रोल डालकर जला दिया जाना, उनके घरों में आग लगा देना। यह सभी घटनाएं 70 वर्ष के बाद भी हो रही हैं। यूपी सरकार ने ESMA (एसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट) लागू कर राज्य में हड़ताल पर रोक लगाया है। राज्य में कोई भी छः महीने तक हड़ताल नहीं कर सकता है।”

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