केराकत कोतवाली अंतर्गत एक गांव की किशोरी उस बात से नाराज़ होकर घर से भाग गई कि उसके सहपाठी स्कूल में उसे चिढ़ाते थे। वो 16 वर्ष की हो चुकी थी लेकिन परिजन ने उसका दाखिला कक्षा एक में करा दिया था। उससे कहीं अधिक छोटे बच्चे उसे बड़ी उम्र का ताना देकर चिढ़ाते थे। किशोरी के भागने पर परिजन ने मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने क्षेत्र के ही एक गांव सर उसे बरामद किया तो चौकाने वाला सच सामने आया।
बरामद किशोरी का कहना है कि उसकी उम्र 16 वर्ष है और परिवार के लोगों ने उसका कक्षा एक में दाखिला करा दिया। वह छोटे बच्चों के बीच में बैठकर पढ़ती थी तो बच्चे उसे चिढ़ाते थे। इसी से तंग आकर वह घर से निकल गई थी। योजना के तहत घर से अपने कपड़े बैग में रख लिए थे। रास्ते में एक के खेत में स्कूल ड्रेस को बदल लिया। इसके बाद बैग व ड्रेस वहीं छोड़ कर निकल गई। मुफ्तीगंज रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां से पसेंजर ट्रेन पर सवार होकर पतरही चली गई। वहीं पर पचेवरा गांव की एक महिला ने उसे देखा तो अपने साथ लेकर गांव पहुंच गई। तब से वो वहीं थी।
इधर देर तक किशोरी घर नहीं पहुंची तो परिजन परेशान हो गए। काफी तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला। अनहोनी की आशंका से पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की। किशोरी के गांव का एक युवक उस गांव में अपने ननिहाल आया था। उसने लड़की को देखते ही पहचान लिया। किशोरी के उक्त गांव में हो के की सूचना उसने परिजन को दी। खबर लगते ही परिजन पुलिस के साथ शनिवार को पचेवरा गांव पहुंचे। जहां से लड़की को बरामद कर लिया गया।
By Javed Ahmad