शादी के 48 घंटे बाद भी दम्पती को बधाई देने का सिलसिला जारी है। ग्राम कापू के रहने वाले यमन लहरे और प्रतिमा महेश्वरी ने बताया कि एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान संविधान की शपथ लेकर दांपत्य जीवन में बंधने का प्रस्ताव रखा था, जिसे समाज के प्रतिनिधियों ने स्वीकार कर लिया। इस दौरान न बैंडबाजा था और न कोई दिखावा। दम्पती का कहना है कि उनकी नजर में भारत का संविधान ही उनका भगवान है। दोनों ने इस तरह की अनूठी शादी करने का पहले से ही सोच रखा था।
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