जशपुर नगर

कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हुआ पूरा परिवार

विडंबना : ग्राम पंचायत सचिव व उसके परिवार ने अपनी जमीन बता किया कब्जा

जशपुर नगरDec 29, 2022 / 12:13 am

SUNIL PRASAD

कड़ाके की ठंड में घर से बेदखल हुआ परिवार।

जशपुरनगर. इन दिनो जिले में खासकर यहां के पाठ के क्षेत्रों में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के मौसम में जिले के बगीचा ब्लॉक के ही सुखबासुपारा पंचायत में वहां के पंचायत सचिव के द्वारा गांव की जमीन के एक हिस्से को अपने परिवार का बताकर उस पर कब्जा जमा लेने के कारण उस जमीन पर लंबे समय से रह रहा एक परिवार सडक़ पर आ गया और खुले आसमान में पूरा परिवार रात गुजारने को मजबूर है। एक ओर जहां सरकार की योजना गरीबों को मकान देकर उन्हें बसाने की हैं वहीं दूसरी ओर सरकार के नुमाइंदे परिवारों को बेघर कर अपनी ही सरकार की फजीहत कराने में लगे हैं। जशपुर के बगीचा में प्रशासन की ऐसी अमानवीयता देखने को मिली कि पूरा परिवार इस कडक़ड़ाती ठंड में पूरी रात न्याय के इंतजार में खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा और किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली। मामला है जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक की है। इस पूरी घटनाक्रम में विभिन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बगीचा ब्लॉक के ग्राम सुखबासुपारा में रकबीर अपनी पत्नी व बेटी बच्चों के साथ लम्बे समय से निवास कर रहा था। घर बनाते वक्त उसके पैर की हड्डी टूट गई और अधूरा घर छोडक़र वह अपने इलाज के लिए दमगड़ा चला गया। इस बीच उस जमीन पर बने अधूरे घर को पूरा कर ग्राम पंचायत सचिव करमचंद व उसके परिवार ने अपनी जमीन का हवाला देकर उस जमीन पर कब्जा कर लिया।
छोटे बच्चे ठिठुर रहे ठंड में : 2 छोटे बच्चे अक्षम पिता अपनी बेटियों के साथ चूल्हा जलाकर पूरी रात न्याय का इतंजार करते रहे पर किसी ने उनकी एक नहीं सुनी, जिसके बाद पूरा परिवार पूरी रात खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा। रकबीर का कहना है, उसका परिवार लगभग 16 वर्षों से उसी जमीन पर निवास कर रहा है, जिसका दस्तावेज भी उनके पास है। बेहद गरीबी की हालत में केस मुकदमा लडऩा उनके बस की बात नहीं। वहीं करमचंद की मां का दावा है कि जमीन उनके पति जगरोपन की है जबकि जगरोपन ने उक्त जमीन का पहले ही सौदा कर रकबीर को बेच दिया था। मामले में इस प्रकार किसी परिवार को भरे ठंड में बेघर करना व्यवहारिक नहीं।
भटकते रहे पर परिवार की किसी ने सुध नहीं ली : इस दौरान रकबीर का पूरा परिवार दर दर न्याय के लिए भटकता रहा पर उनकी किसी ने सुध नहीं ली। मंगलवार को रकबीर अपने परिवार के साथ अपने घर मे घुस गया। और खाना बनाने के दौरान ग्राम सचिव अपने परिवार के साथ वहां पंहुचा और अपना मालिकाना हक जताते हुए रकबीर के परिवार को घर से बाहर निकालते हुए उनका सारा सामान घर से बाहर फेंक दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन व नगरीय प्रशासन के लोग मौके पर उपस्थित थे इसके बावजूद पीडि़त परिवार की किसी ने सुध नहीं ली, उल्टे पुलिस ने उन्हें डराया और घर से बाहर होने का आदेश दे दिया।
बहरहाल न्याय की आस में अब तक पूरा परिवार इस कडक़ड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। जिनके सर पर न तो छत है और न ही उनके पास रहने के लिए कोई घर, ऐसे में प्रशासनिक उदासीनता के साथ सारा सरकारी सिस्टम सवालों के घेरे में नजर आ रहा है। मामले में जब बगीचा के नगरपंचायत के सीएमओ को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। –

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