जशपुर (Jashpur News) जिले के छोटे से सरहदी गांव की रहने वाली ग्रामीण महिला करीना खातून के मन में अपने गांव के लिए स्वच्छता को लेकर कुछ ऐसा जोश, जज्बा और जुनून पैदा हुआ कि उसने न केवल अपने गांव की दशा और दिशा बदल दी बल्कि आसपास के गांव की महिलाओं को भी इस तरह की जागरूकता के लिए बहुत ज्यादा प्रभावित किया। इस ग्रामीण महिला की लगन और निष्ठा ने उसे आज राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार पाने का हकदार बना दिया। इस महिला ने बहुत प्यार से गांव के लोगों को सुबह सवेरे उठकर खुले में शौच ना करने की बेहद सफल समझाइश दी।
गांव की महिलाओं और किशोरियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया और सेनेटरी पैड के उपयोग के लिए प्रेरित किया। गांव के लोगों को गांव को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए प्रेरित किया। यही नहीं लोगों को बाजारों दुकानों में जाने के पहले घर से कपड़े के थैले लेकर निकलने के लिए प्रेरित करते हुए इस ग्रामीण महिला ने अपने हाथों से कपड़े के थैले बना बना कर दिए।
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गांव के गलियों और नालियों की साफ -सफाई के लिए भी लोगों को प्रेरित करके इस महिला ने उल्लेखनीय कार्य किया। करीना खातून पति इस्लाम अंसारी, जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत डडग़ांव की एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। जो अपने परिवार के भरणपोषण के लिए सिलाई मशीन के माध्यम से अपनी जीविका उपार्जन करती हैं। करीना ने 2 अगस्त 2018 को जनपद स्तरीय स्वच्छाग्रही कार्यशाला में प्रतिभाग किया। कार्यशाला में स्वच्छता की महत्वता एवं उपयोगिता उनके दिलो दिमाग में घर कर गई। नतीजन प्रशिक्षण उपरांत अपने गांव को स्वच्छ एवं स्वस्थ्य बनाने की जिद कर ली।ये 22 खूंखार नक्सली लीडर जो गिरगिट की तरह बदलते हैं हुलिया और बनाते हैं तबाही का प्लान
अपने रोशनी स्व-सहायता समूह के सभी सदस्यों को स्वच्छता स्थायित्व शौचालय का शत्-प्रतिशत उपयोग स्वच्छ चौक-चौराहे, स्वच्छ विद्यालय, स्वच्छ घर, स्वच्छ गांव बनाने हेतु समूह को भी प्रेरित किया। और सबसे पहले समूह एवं ग्राम वासियों की सहभागिता से श्रमदान कर गांव के चौक-चौराहे को साफ – सफाई कर स्वच्छ बनाने का प्रयास किया। महीने में एक बार ग्राम पंचायत एवं ग्राम वासियों के सहयोग से स्वच्छता श्रमदान का सिलसिला प्रारंभ हुआ। इसके साथ ही स्वच्छ जल हेतु गांव के जल स्त्रोत, तालाब की साफ -सफाई, नालियों की सफाई कराई गई। प्लास्टिक मुक्त बनाने कपड़े के थैले बांटे
इसके साथ ही गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु ग्रामीणों के साथ छोटी-छोटी बैठकें एवं व्यक्तिगत रुप से सम्पर्क कर प्लास्टिक के मानव जन-जीवन पर होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी। और प्लास्टिक प्रबंधन हेतु नारा लेखन, रैली का भी आयोजन किया गया। रैली के माध्यम से प्लास्टिक बहिष्कार एवं प्लास्टिक की जगह साल, महुवा के पत्तों से निर्मित दोना पत्तल बनाकर उसका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
इसके साथ ही गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु ग्रामीणों के साथ छोटी-छोटी बैठकें एवं व्यक्तिगत रुप से सम्पर्क कर प्लास्टिक के मानव जन-जीवन पर होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी। और प्लास्टिक प्रबंधन हेतु नारा लेखन, रैली का भी आयोजन किया गया। रैली के माध्यम से प्लास्टिक बहिष्कार एवं प्लास्टिक की जगह साल, महुवा के पत्तों से निर्मित दोना पत्तल बनाकर उसका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
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इसके साथ ही करीना ने गांव के घर-घर जाकर लोगों को शौचालय की उपयोगिता सुनिश्चत की। इसके साथ ही अपने समूह एवं ग्रामीण महिलाओं के माध्यम से मॉर्निंग फॉलोअप भी किया गया। किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को एकत्रित कर महावारी प्रबंधन के विषय में जानकारी दी एवं सेनेटरी पैड प्रदान कर महावारी के दौरान गंदा घरेलू कपड़ा उपयोग न करके सेनेटरी पैड के नियमित उपयोग हेतु प्रेरित किया।Click & Read More Chhattisgarh News.