सडक़ में लगे लंबे जाम में फंसे यात्रियों को जहां कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं स्कूली बस के न आने से बच्चे भी समय पर स्कूल नही पहुंच पा रहे हैं। हालांकि मोटरसाइकिल एवं छोटे कार जान जोखिम में डाल कर जाम लगी सडक़ में पार हो रहे हैं।
जैसा के ऊपर के चित्र से साफ. साफ देखा जा सकता है, यह चित्र है कांसाबेल से पत्थलगांव के बीच नेशनल हाईवे क्रमांक 4३ की जो ठेकेदार के निर्माण कार्य शुरू करने के बाद काम छोडऩे के बाद से इस स्थिति में पहुंच गई है और अब इस सडक़ से होकर सफर करना किसी दुस्वप्र से कम नहीं रह गया है। बहुत मजबूरी में अगर कोई इस सडक़ से होकर अपने वाहन लेकर जाने आने की कोशिश भी करता है तो निश्चित रूप से भारी परेशानियों में फंसने का काम करता है। चित्र से साफ दिखाई दे रहा है कि सडक़ पर घुटने घुटने भर कीचड़ बन गए हैं, जिससे होकर किसी भी तरह के वाहनों की आवाजाही लगभग असंभव है। इस सडक़ के बुरी तरीके से जर्जर होने के बाद जिन वाहन चालकों को जानकारी है वह तो आसपास के ग्रामीण सडक़ों से होकर अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं, लेकिन गाहे-बगाहे कुछ वाहन चालक अनजाने में इस सडक़ पर आकर अपनी वाहन फंसा लेते हैं जिसके बाद उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गांव की सडक़ें हो रहीं हंै जर्जर : कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 के जशपुर जिले में कुनकुरी से लेकर कांसाबेल और फिर पत्थलगांव और पत्थलगांव से लेकर सीतापुर तक बेहद खराब हो जाने के बाद कांसाबेल पत्थलगांव की यात्रा करने वाले वाहन चालक तमता या अन्य ग्रामीण सडक़ों का सहारा लेकर अपने मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करते हैं लेकिन कम यातायात और हल्के वाहनों के लिहाज से बने ग्रामीण सडक़ों पर अचानक हुई बेतहाशा यातायात के दबाव से इन ग्रामीण सडक़ों का दम ही निकल गया है और यह सडक़ें भी पूरी तरीके से गड्ढ़ों में तब्दील हो गई हैं।
भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग : ग्रामीण सडक़ों पर अचानक हुई बेतहाशा यातायात को लेकर इन क्षेत्रों के ग्रामीणों ने इन सडक़ों पर भारी वाहनों के प्रवेश को निषेध करने के लिए जशपुर जिला प्रशासन से अपील की है। लोगों का कहना है कि 3 सालों से ऊपर हो गए नेशनल हाईवे सडक़ का निर्माण किसी सिरे से शुरू भी नहीं किया जा सका और अब यह ग्रामीण सडक़ें भी पूरी तरह से खराब होने की कगार पर पहुंच गई हैं अगर इन सडक़ों का रख रखाव भी सही तरीके से नहीं हुआ तो इस इलाके से आवागमन पूरी तरीके से ठप हो जाएगा जिसको लेकर प्रशासन को चाहिए इन सडक़ों पर भारी वाहनों का प्रवेश किया जाए।
संबंधित अधिकारियों और प्रशासन को इस संबंध में सख्त दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। फिलहाल यातायात किसी प्रकार से बाधित नो हो इसकी कोशिश है। बारिश के बाद खराब सडक़ों को युद्ध स्तर पर सुधारा जाएगा।
अमरजीत भगत, जिले के प्रभारी मंत्री