इससे नाराज हो कर छात्रावास अधीक्षिका ने छात्रा को हास्टल से निष्किासित करने का आदेश जारी कर दिया। पीड़िता की मां का कहना है कि बेटी की पढ़ाई में अच्छी रूचि थी। इसे देखते हुए उन्होंने अधीक्षिका के सामने बेटी को क्षमा कर कम से कम त्रैमासिक परीक्षा होने तक छात्रावास में रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया। लेकिन दो दिन तक हाथ-पैर जोड़ते रहने के बाद भी वह नहीं मानी। मजबूर हो कर पीड़ित छात्रा को लेकर वे घर आ गए जिससे छात्रा परीक्षा लिखने से भी वंचित हो गई और वह अवसाद का शिकार हो गई।
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छात्रा के पिता ने बताया कि अवसाद की स्थिति में पीड़िता छात्रा ने कीटनाशक का सेवन कर लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। एंबुलेंस से छात्रा को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। यहां चिकित्सकों के प्रयास से छात्रा की जान तो बच गई है, लेकिन छात्रा और (Jashpur News) उसके स्वजन भविष्य को लेकर चिंतिंत है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील किया है कि पहाड़ी कोरवा किशोरी को आगे की पढ़ाई जारी रखने में सहायता करें। छात्रा को हास्टल से निष्कासित नहीं किया गया है। वह स्वयं छात्रावास से घर चली गई थी। छात्रा का जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। मामले में आवश्यकतानुसार जांच व कार्रवाई की जाएगी।