घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम कंडोरा क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा का मेला लगा हुआ है, जिसमें शामिल होने व मेला घूमने के लिए पीडि़त छात्रा छात्रावास से बाहर आई और अपने भाई, बड़ी बहन के साथ मेला देखने चली गई। 12 नवबर को कार्तिक पूर्णिमा की रात को मेले में अपनी शैक्षणिक संस्था के कुछ अन्य छात्र, परिचित मिले, जिनके साथ पीडि़त छात्रा मेला घूम रही थी।
मेले के किनारे क्षेत्र में जब छात्रा पहुंची तो तीन बदमाश आए और एक बदमाश ने खुद को आस्ता थाने का सिपाही बताया और अन्य दो बदमाशों ने खुद को जशपुर पुलिस का जवान बताते हुए छात्रा को धमकाते हुए बाईक पर जबरन बिठाकर ले गए।
बदमाशों ने कहा कि तुहें तुहारे घर पहुंचा रहे हैं, जहां असली पहचान होगी। डरी छात्रा उनके साथ चली गई, लेकिन बदमाश उसे घर न ले जाकर छात्रा को वीरान जंगल की ओर जबरन ले गए और घटगांव जंगल में तीनों बदमाशों ने जान से मारने की धमकी देते हुए छात्रा के साथ अनाचार किया।
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पीडि़ता के अनुसार घटना के बाद बदमाशों ने छात्रा को उसके गांव घर से कुछ दूरी पर छोड़कर फरार हो गए। बदमाशों की चंगुल से छूटने के बाद छात्रा अपने घर पहुंची और माता, पिता को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद परिजन छात्रा को लेकर आस्ता थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई। आस्ता पुलिस अज्ञात बदमाशों के विरूद्ध सामुहिक दुष्कर्म जुर्म दर्ज कर मामले में जांच कर रही है। अभी तक आरोपियों का खुलासा या पहचान नहीं हुई है।
दुष्कर्म पीडि़ता की शिकायत पर तीन आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है। अभी किसी की गिरतारी नहीं हो पाई है।
-शंकरलाल बघेल, एसपी जशपुर
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