प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार हाथियों का यह बड़ा दल रविवार की तड़के ओडिशा की सीमा पार कर जोरंडाझरिया में घुस आया। सुबह सुबह गांव से बाहर निकले ग्रामीणों ने
हाथियों की चिंघाड़ सुनी। हाथियों का यह दल गांव के जंगल के किनारे में जमा हो गया। हाथियों के झुंड को देखने के लिए कुछ ही देर में तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ में शामिल लोगों में हाथियों का विडियो बनाने की होड़ मच गई।
कुछ लोगों ने शोर मचा कर हाथियों को जंगल के अंदर खदेड़ने का प्रयास भी किया। इससे हाथियों का यह दल काफी विचलित नजर आया। मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने ग्रामीणों को हाथियों को परेशान ना करने की समझाईश दी। उन्होनें ग्रामीणों को बताया कि दिन के समय हाथी आराम करते हैं। इस समय अगर उन्हें ना छेड़ा जाए तो किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। शाम ढलते ही हाथी या तो जंगल के अंदर चले जाएंगे या फिर अपने रास्ते में आगे की ओर बढ़ जाएंगे। अनाश्वयक रूप से छेड़छाड़ करने पर हाथियों के भड़कने का खतरा होता है।
उल्लेखनीय है कि तपकरा वन परिक्षेत्र, जशपुर जिले का सर्वाधिक हाथी प्रभावित रेंज है। यहां लगभग साल के 12 महिने हाथियों की हलचल बनी रहती है। तपकरा ओडिशा और झारखंड की अंर्तराज्यी सीमा पर स्थित है। इन दोनों ही राज्यों से
हाथियों की घुसपैठ होती रहती है। अगस्त माह में हाथियों के हमले में 4 लोगों की मृत्यु हुई थी।
इतने बड़े इलाके में वन विभाग ने किया अलर्ट जारी
विभाग ने हाथियों के इस बड़े दल की उपस्थिति को देखते हुए हाथीबेड़, भेलवां, बनखेता, माटीपहाड़छर्रा, दलेसर, टिकलीपार, कुल्हारबुड़ां, मेंडर, पत्तेबहाल, महुआडीह, जामटोली, डांगबंधी, कोपटोली के ग्रामीणों के लिए एलर्ट जारी करते हुए उन्हें लकड़ी लेने,मवेशी चराने और मशरूम चुनने के लिए जंगल की ओर ना जाने की सलाह दी है।