अंडर व ओवर प्रोजेक्ट को लेकर दोनों विभागों में गुरुवार को बनी संयुक्त रिपोर्ट में हर एक मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट हो गई है और सेतु विभाग की बात से ओवर ब्रिज मामले में रेलवे तैयार हो गया है। दोनों प्रोजेक्ट पर ड्राइंग डिजाइन तैयार होने के बाद ही यह साफ होगा कि हमारे शहर का ओवर व अंडर ब्रिज कैसा होगा। हालांकि सेतु विभाग ने ओवर को लेकर अपनी ड्राइंग पहले ही तैयार कर पेश कर दी है। पहले शहर को अंडरब्रिज की सौगात मिलेगी, जो फाटक पर बनने वाले ओवर के समीप ही बनाया जाएगा। इसकी एप्रोच रोड का काम सेतु विभाग पूरा करेगा। जीएडी तय होने के बाद उस पर दोनों विभागों के अधिकारियों के हस्ताक्षर होंगे। इसके बाद काम शुरू होगा। दोनों प्रोजेक्ट के काम जल्द शुरू होंगे, लेकिन शहर को अंडर ब्रिज पहले मिलेगा और ओवर का काम बाद में पूरा होगा। इस बीच फाटक के समीप प्रभावित होने वाले निर्माण को लेकर भूअर्जन सहित मुआवजे की प्रक्रिया के साथ लाईन शिफ्टिंग के काम को पूरा करवाने के लिए सेतु विभाग का दल अब स्थानीय प्रशासन व विभागों के अधिकारियों से मिलकर इसे पूरा करवाएगा। इसके बाद ओवरब्रिज निर्माण का जिस कंपनी ने काम लिया है, उसके ठेकेदार को भी अब सेतु विभाग बुलवाकर प्रोजेक्ट को गति देने का काम करेगा।
सेतु विभाग के एसडीओ आरके गुप्ता ने बताया कि बुधवार को रेलवे के डिप्टी सीई अजय प्रधान व सेतु विभाग के एसई केएस यादव के साथ ही पूरे अमले ने जावरा पहुंचकर फाटक क्षेत्रमें बनने वाले ब्रिज के प्रोजेक्ट पर मंथन किया था। इसमें जो भी बात तय हुई थी, उन पर गुरुवार को फिर से दोनों विभागों के बीच मंथन हुआ। इसमें सेतु विभाग के ओवरब्रिज के प्लान को लेकर रेलवे एग्री हो गया और अब दोनों विभाग मिलकर इस पर काम करेंगे। रेलवे के सीई ने बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि ओवरब्रिज के मामले में सेतु के प्लान को रेलवे फॉलो कर आगे बढ़ेगा। सेतु ने फाटक बंद करने के मामले में कलेक्टर की और से एनओसी पहले ही रेलवे को सौंप दी है। संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट में यह तय हुआ कि ओवरब्रिज का काम सेतु विभाग अब जीएडी फाइनल होने के बाद शुरू कर सकेगा। रेलवे ओवरब्रिज में अपने हिस्सें में काम अंडरब्रिज बनने के बाद करेगा। यानी अंडरब्रिज बनने के बाद फाटक बंद होने के बाद रेलवे अपने हिस्सें में ओवर का काम करेगा। इस समय में सेतु अपने हिस्से का काम पूरा करवाएगा।