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जावरा

धधकते अंगारों पर होकर गुजरे 48 दूल्हे, सुबह तक जलता रहा चूल

सबसे पहले चूल से 48 दूल्हे गुजरे, इसके बाद अन्य जायरिनों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ.

जावराSep 17, 2022 / 04:32 pm

Subodh Tripathi

धधकते अंगारों पर होकर गुजरे 48 दूल्हे, सुबह तक जलता रहा चूल

धधकते अंगारों पर होकर गुजरे 48 दूल्हे, सुबह तक जलता रहा चूल

जावरा. मन्नतों वाली चूल के धधकते अंगारों से जायरिनों के निकलने का इंतजार आखिरकार शुक्रवार रात पूरा हुआ। सबसे पहले चूल से 48 दूल्हे गुजरे, इसके बाद अन्य जायरिनों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ जो तड़के तक चलता रहा।
जावरा हुसैन टैकरी शरीफ पर आयोजित चेहल्लुम में शामिल होने दूर दराज से हर धर्म के जायरीन यहां पहुंचे थे। लाखों की तादात में जायरीन यहां आस्था और मन्नतों के साथ मौजूद थे। शुक्रवार शाम 5 बजे से जायरीनों का पड़ाव स्थल पर जमा होना का सिलसिला शुरू हुआ। हजरत अली मजार की ओर जाने वाला रास्ता बेरिगेट लगाकर बंद कर दिया, ताकि अव्यवस्था जैसे माहौल की स्थिति न बने।
वक्त गुजारा, भीड़ बढ़ती रही। पड़ाव स्थल देखते-देखते खचाखच भर गया। उधर शिया समुदाय के लिए चार चूल से गुजरने के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। इमाम हुसैन के रोजे के पीछे से मैदान में देश के कोने कोने से आए सभी शिया समुदाय के लोगों की मजलिस हुई। इसमें महिला, पुरुष, बच्चे और बूढ़े भी शामिल थे। इसके बाद करीब 9 बजे हुसैन कमेटी की ओर से हुसैन टेकरी वक्फ बोर्ड कमेटी अध्यक्ष रउफ कुरेशी, उपाध्यक्ष इकबाल स्वागत कार्यक्रम हुआ। मौके पर कलेक्टर, एसपी, एडीएम, एसडीएम, सीएसपी, जावरा तहसीलदार सहित प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।
लगभग 10 बजे जलते हुए अंगारों पर शिया जायरीनों के चलने की बारी आई। इनके लिए चूल पर से गुजर कर निकलने के लिए खास रास्ते थे, जहां करीब 40 मिनट में सभी शिया जायरीन मन्नतों के साथ जलते हुए अंगारों से निकले। शिया जायरीनों में इस बार सबसे पहले 48 दूल्हे मन्नते लिए गुजरे। इसके बाद अन्य शिया लोग बारी-बारी से अंगारों पर से निकले। शिया के निकलने बाद जलती हुई चूल को अन्य आम जायरीनों के लिए ठंडा कर दिया, फिर आम जायरीन यहां से गुजरे।
चार चूल की रही व्यवस्था

भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने 4 चूल का इंतजाम किया था। हालाकि बीते वर्षों में 1 ही चूल का आयोजन होता था और फिर 2 का आयोजन होने लगा। अंगारों वाली चूल से जायरीनों के गुजरने का सिलसिला अगली सुबह तक चलता रहता था। आम जायरीन चूल से गुजरकर रोजाना रोड पर सीधे बाहर हो गए।
आज भी होगा मातम
इमाम हुसैन की याद में चूल वाले दिन याने कि शाम 4 बजे चूल आयोजन में शामिल होने आए शिया समुदाय के लोगों ने खूनी मातम किया। इसमें कई शिया शामिल होकर खुद को चोट दे कर अपना गम जाहिर कर रहे थे। शनिवार को भी शिया लोगों की ओर से खूनी मातम होगा। इसमें उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, भोपाल सहित कई इलाकों से आए शिया शामिल होंगे।

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