फाटक खुलते ही लोग जल्दबाजी के चक्कर में दौड़ पड़ते हैं और दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। स्थाई समाधान नहीं होने से लोगों में आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। कुछ ऐसा ही सोमवार की शाम को देखने को मिला। 6 से 7 ट्रेन गुजरने के कारण एक घंटे तक फाटक बंद रहा, इससे दोनों ओर वाहन का लंबा जाम लग गया।
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नैला रेलवे फाटक में जाम की समस्या इतनी विकराल होती जा रही है कि लोगों को इस रास्ते में सफर करने से पहले यह डर सताता है कि पता नहीं कितना लंबा जाम मिलेगा, कितने घंटे फंसे रहेंगे। इस फाटक से होकर गुजरने वालों लोग अब किसी भी काम पर जाने के लिए एक घंटा पहले लेकर निकलते हैं क्योंकि पता है कि एक बार फाटक बंद हुआ तो कम से कम तीन से चार गाड़ियां निकलने बिना फाटक नहीं खुलेगा और आधा से पौन घंटे तक फंसना पड़ेगा। इस रास्ते में सफर करने वालों के लिए जाम में फंसने के लिए सिवाय कोई चारा नहीं है। क्योंकि ओवरब्रिज बनना यहां अभी केवल सपने की तरह है। ओवरब्रिज स्वीकृत हो भी जाएगा तो खोखसा ओवरब्रिज की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ से दस साल तो बनने में लगेगा।
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घंटे भर जाम में फंसे रहे राहगीर राहगीरों ने बताया कि फाटक बंद होने की स्थिति में पांच मिनट के काम में 30 से 45 मिनट लग जाते हैं। जिसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना चाहिए, अन्यथा जाम की यह समस्या आगामी समय में काफी गंभीर हो जाएगी। बता दें कि यहां क्रासिंग पर राहगीर 30 से 45 मिनट से भी ज्यादा देर फंसे रहते है। इंतजार से बचने व आपाधापी के चक्कर में राहगीर नियम भी तोड़ते हैं। अंडरब्रिज में हमेशा घुटने भर तक पानी नैला रेलवे फाटक से आगे कन्हाईबंद में अंडरब्रिज बनाया गया है लेकिन बरसात के चार माह तो यहां से गुजरने की बात लोग सोच भी नहीं सकते। इसके अलावा बरसात के बाद भी इसमें घुटने भर पानी भरा हुआ है। साथ ही कई लोग इसमें पत्थर डाल देते हैं, ऐसे में उल्टा दुर्घटना का लोग शिकार हो जा रहे हैं। ऊपर से अंडरब्रिज तक जाने के लिए एक ओर कई किमी तक कोल साइडिंग से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें बड़े हाइवा गाड़ियां चलती है और कोयला डस्ट के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इससे अंडरब्रिज से भी राहत नहीं मिल पा रही। लोग अंडरब्रिज से जाना नहीं चाहते जिसके चलते फाटक में कई किमी तक जाम लगता है।
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