जानकारी के मुताबिक 23 मई 2022 को रात करीब 9 बजे आरोपी बहन दिलबाई से जमीन रजिस्ट्री के संबंध में बात कर रहा था। उसी समय दिलबाई का पुत्र हरीश आया और मां से गाली-गलौच कर रहे हो कहते हुए मारपीट करने लगा। इतने में आरोपी आवेश में आ गया और घर में रखे लोहे के धारदार चाकू से गर्दन में वार किया। इससे उसके गर्दन में गंभीर चोटे आई। जिसे ईलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य पामगढ़ ले जाया गया। जहां से स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ने हायर अस्पताल रेफर कर दिया।
बिलासपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी 25 मई 2022 मौत हो गई। सूचना पर पामगढ़ पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया। पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त चाकू भी जब्त की गई। मामले में विवेचना करते हुए आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह राजपूत को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक राजेश पांडेय ने पैरवी की।