यह भी पढ़ें: Teachers day Special: नक्सली बार-बार बंद करवाते रहे, स्कूल शिक्षक हर बार लौट आए, बने मददगार गुरु… वे बताते हैं कि नवोदय विद्यालय में पढऩा हर छात्र का सपना होता है। खासकर गरीब माता-पिता का, क्योंकि एक बार यहां प्रवेश मिलने के बाद 12वीं तक पढ़ाई का सारा खर्च सरकार देती है। लेकिन इसमें सफलता कुछ बच्चों को ही मिल पाती है। लोकेश खुद भी नवोदय विद्यालय मल्हार बिलासपुर से पढ़कर निकले हैं। इसलिए वे जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को इसकी तैयारी करने में कितनी समस्या आती है। इसलिए वे गांव में रहकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं।