नि:शक्तजन ऋण प्रदाय योजना के तहत विकलांगों का स्तर सुधारने और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 50 हजार से लेकर 25 लाख रुपए का कर्ज दिया जाता है। विकलांगों को इस कर्ज में 50 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है। अफसर बताते हैं कि करोड़ों का ऋण बांटने के (Cg hindi news) बाद वसूली महज 20 से 30 फीसदी भी नहीं हो रही। इसलिए सरकारी गारंटर को अनिवार्य किया है।
यह भी पढ़े: पिता नहीं पापी! अपनी ही नाबालिग बेटी को बनाया हवस का शिकार, मासूम की स्थिति देख मां के उड़े होश जिले में 2 करोड़ का कर्ज विकलांगों पर अविभाजित जांजगीर-चांपा जिले की बात करें तो समाज कल्याण विभाग की ओर से 127 विकलांगों को इस योजना के तहत 3 करोड़ 58 लाख रुपए का ऋण दिया गया। जिसमें 1 करोड़ 50 लाख रुपए की ही रिकवरी हो पाई है। बाकी की रिकवरी होना बाकी है। कुछ विकलांग नियमित रूप से किस्त भी नहीं भर पा रहे हैं। ऐसे में इसका खामियाजा अब उन विकलांगों को उठाना पड़ रहा है जो लोन लेना चाहते हैं।
नि: शक्तजन ऋण प्रदाय योजना के तहत विकलांगों को स्वरोजगार के लिए विभाग की ओर से 25 लाख रुपए ऋण प्रदान किया जाता है। विगत जनवरी में नया (chhattisgarh news) आदेश आया है कि सरकारी गारंटर पर ही ऋण प्रदान किया जाए। जिले में 2 करोड़ के कर्ज की वसूली शेष है।
-टीपी भावे, सहायक संचालक, समाज कल्याण विभाग, जांजगीर-चांपा
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