जांजगीर चंपा

Sand Mining: मानसून में बेखौफ हुए रेत माफिया, उफनती हसदेव नदी से रात में JCB से निकाल रहे रेत

Sand Mining in Chhattisgarh: हसदेव नदी के तट पर दिन भर अवैध रेत उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जबकि प्रदेश सरकार ने 15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर पाबंदी लगा दी है।

जांजगीर चंपाJul 29, 2024 / 08:30 am

Kanakdurga jha

संजय राठौर
Sand Mining in CG: जिले के रेत माफिया खनिज अफसरों पर हावी हैं। वहीं माफियाओं को उफनती नदी का तनिक भी डर नहीं रह गया है। हसदेव नदी में रात को जेसीबी मशीन से रेत निकाली जा रही है और नदी तट पर डंप कर इसे दिन में खपाया जा रहा है। इतना ही नहीं हसदेव नदी के तट पर दिन भर अवैध रेत उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जबकि प्रदेश सरकार ने 15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर पाबंदी लगा दी है। इसके बाद भी जिले में रेत का अवैध उत्खनन दिन दहाड़े हो रहा है। इससे सरकार को कोई सरोकार नहीं है।
प्रदेश सरकार ने रेत उत्खनन पर प्रतिबंध जरूर लगा दिया है लेकिन यह केवल कागजों तक सीमित है। जांजगीर-चांपा जिले में अब भी दर्जनों अवैध रेत घाट आबाद है। दिलचस्प बात यह है कि रेत माफिया रात को चेन माउंटेन मशीन से उफनती नदी व उसके तट से रेत निकाल रहे हैं और रेत डंप कर उसे दिन में खपा रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी कलेक्टर व खनिज अफसरों को नहीं है। अफसरोंं को इस बात की जानकारी होने के बाद भी वे कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करते हैं। विडंबना यह है कि, गाड़ापाली रेत घाट में भादा निवासी पूरन कश्यप नाम के व्यक्ति ने अवैध रूप से रेत का पहाड़ बना लिया है। रेत को बिलासपुर में खपा रहा है। उसके मुंसी ने बताया कि पूरन कश्यप की रेत डंपिंग यार्ड है। इस संबंध में वही जवाब दे पाएंगे। हमें इसकी जानकारी नहीं है। हम केवल वर्कर हैं।
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16 से अधिक रेत घाट चिन्हांकित

जिले में हसदेव नदी व चित्रोत्पला (महानदी) गुजरी है, जहां नदी तट पर र्जनों चेन माउंटेन मशीन के अलावा जेसीबी सड़क किनारे किसी झुरमुट मिल जाएगा। ऐसी मशीनें रात को नदी से रेत की खुदाई करते हैं फिर नदी तट पर रेत का डंप कर देते हैं। फिर दिन में इसे खपाया जाता है। अवैध रेत घाटों में हसदेव नदी के अमोदी, बम्हनीडीह, सोंठी, गोविंदा, पिपरदा, पुछेली, तालदेवरी, बोरसी, करनौद, गतवा, बरबसपुर, बसंतपुर, दहिदा, नवापारा, धाराशिव, पेंड्री, गाड़ापाली, भादा सहित १६ से अधिक रेत घाटों में अब भी धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है।

पत्रिका ने की लाइव रिपोर्टिंग

पत्रिका ने रविवार की दोपहर इसकी लाइव रिपोर्टिंग की। हसदेव नदी के गाड़ापाली व भादा रेत घाटों में दिन दहाड़े दर्जनों ट्रैक्टरों की लाइन लगी रही और माफिया नदी तट से रेत निकाल रहे थे। पत्रिका ने उनकी तस्वीर भी ली,लेकिन उन्हें किसी बात का परवाह नहीं रहा। मौके पर से इसकी सूचना खनिज अफसरों को भी दी गई, लेकिन खनिज अफसरों ने पहले तो फोन नहीं उठाया फिर शाम को फोन कर बताया कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
सीधी बात- हेमंत चेरपा, जिला खनिज अधिकारी

सवाल: जिले में पाबंदी के बाद भी दर्जनों रेत घाट आबाद हैं।

जवाब: शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है।

सवाल: कार्रवाई होती तो उफनती नदी के किनारे अवैध रेत उत्खनन क्यों होता?
जवाब: हम हर रेत घाट में छापेमारी नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पर पर्याप्त कर्मचारी नहीं है।

सवाल: जिले में दर्जनों अवैध रेत डंपिंग यार्ड भी खुलेआम संचालित हो रहा है।

जवाब: ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाती है। बीते दिवस ही कार्रवाई हुई है।
सवाल: गाड़ापाली में पूरन कश्यप का बड़ा डंपिंग यार्ड है उस कार्रवाई क्यों नहीं?

जवाब: यदि ऐसी सूचना है तो तत्काल कार्रवाई करेंगे।

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