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जांजगीर चंपा

बोले रितेश्वर महाराज जब अयोध्या है राम की तो मंदिर का निर्माण कहीं और क्यों?

शिवरीनारायण स्थित सदगुरु रितेश्वर महराज के आश्रम श्री आनंदम धाम में महराज ने कहा कि अयोध्यक्षा राम की जन्मभूमि है तो वहीं राम मंदिर बनना ही चाहिए

जांजगीर चंपाJan 09, 2018 / 06:33 pm

Rajkumar Shah

शिवरीनारायण स्थित सदगुरु रितेश्वर महराज के आश्रम श्री आनंदम धाम में महराज ने कहा कि अयोध्यक्षा राम की जन्मभूमि है तो वहीं राम मंदिर बनना ही चाहिए

जांजगीर-चांपा. शिवरीनारायण स्थित सदगुरु रितेश्वर महराज के आश्रम श्री आनंदम धाम में महराज ने कहा कि अयोध्यक्षा राम की जन्मभूमि है तो वहीं राम मंदिर बनना ही चाहिए,
इसे न्यायालय तक ले जना कहीं से उचित नहीं था। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट के निर्णय को सर्वमान कहते हुए कहा कि यदि उनकी राय जानी जाए तो अयोध्या राम की जन्मभूमि है तो राम मंदिर और कहीं क्यों?
उन्होंने कहा कि आज केंद्र से लेकर राज्य तक में भाजपा की सरकार है। इससे अनुकूल समय फिर शायद आए सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करते सरकार को जल्द से जल्द वहां भव्य राम मंदिर बनाना ही चाहिए। इससे राम भक्तों के साथ न्याय होगा। यह बात रितेश्वर महराज ने सोमवार को श्री आनंदम धाम में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।

आज के दौर में जो बाबाओं के स्कैंडल सामने आ रहे हैं, उसे लेकर महराज ने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति गलत कार्य करते उससे पूरे समाज को गलत नहीं समझना चाहिए। जो भी साधू संत सतमार्ग और मानव हित को लेकर कार्य कर रहे हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मदद करनी चाहिए और यदि कोई उस राह की आड़ में गलत करता है तो उसे सजा दिलाने के लिए भी खड़े रहना चाहिए। आनंदम धाम की बढ़ती ख्याति और संपत्ति के बारे में सदगुरु ने कहा कि उन्हें ट्रस्ट की संपत्ति का तो उन्हें पता नहीं,
लेकिन उनके पास वृंदावन में अपनी कुछ जमीन है उसे भी वह श्री आनंदम धाम ट्रस्ट के नाम कर देंगे, जिससे मानव हित के कार्य में कार्य किया जा सके।


पैसे के लिए कथा वाचन न करें संत– रितेश्वर महराज ने कहा कि आज कथा वाचन व्यवसाय बनता जा रहा है। जो भी संत पैसे की लालच में कथा वाचन करते हैं वह ऐसा न करें और वह ऐसे भक्त को सच्चा कथा वाचक और ठाकुर का पुजारी नहीं मानते।

श्री आनंदम धाम का राजनीति से नाता नहीं– श्री आनंदम धाम आश्रम को भाजपा नेता संजय अग्रवाल के यहां होने का फायदा उठाने के बारे में पूछे गए प्रश्न में रितेश्वर महराज ने कहा कि संजय उनका पुत्र है। उसकी उनके प्रति आस्था है। यदि उन्हें कहीं भी कभी भी ऐसा लगा कि उसका फायदा वह किसी भी तरह का उठा रहे हैं या कोई भी उठा रहा है तो उन्हें यह आश्रम वैभव छोडऩे में छण भर की देर नहीं लगेगी।

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