बता दें कि चांपा से लगे सिवनी गांव निवासी सागर सिंह की मृत्यु 18 सितंबर 2021 को हो गई थी। इसके बावजूद वर्ष 2022 में मृत व्यक्ति सागर सिंह के नाम से 1 लाख 35 हजार केसीसी लोन बनाकर कोआपरेटिव बैंक चांपा में प्रस्तुत किया गया। लोन की पूरी राशि स्वीकृत होकर इस राशि का आहरण भी हो गया। सब कुछ ठीक था, तभी बैंक के वसूली लिस्ट में सागर सिंह के नाम से 1 लाख 35 हजार बकाया होना अंकित था। इस वजह से पूरे मामले का खुलासा हुआ। तब इस मामले में सहकारी संस्थाएं जांजगीर में शिकायत हुई। शिकायत पर उप पंजीयक ने जांच के लिए कार्यालय के अधिकारी देवेश चर्तुगोष्ठी को नियुक्त किया। उन्होंने शिकायतकर्ता सहित समिति प्रबंधक व बैंक कर्मचारियों का बयान लिया। वहीं मामले से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले गए। आखिरकार जांच पूरी कर रिपोर्ट उप पंजीयक के समक्ष प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में बताया गया है सागर सिंह की मृत्यु 18 सितंबर 2021 में हो गई थी, फिर भी मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन 2022 में सेवा सहकारी समिति सिवनी के प्रबंधक ललित देवांगन ने तैयार किया। इसलिए ललित देवांगन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इसी तरह मृत व्यक्ति सागर सिंह के नाम लोन की राशि आहरण कराने में भूमिका निभाने वाले कोआपरेटिव बैंक कैशियर खिखेन्द्र पटेल, अनुपमा और लिपिक योगेश राठौर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई।
शाखा प्रबंधक के खिलाफ होगी जांच
मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन निकालकर आहरण करने के मामले में जांच चल ही रही थी। इस बीच स्व. सागर सिंह के चचेरे भाई जयमंगल सिंह ने सहकारी संस्थाएं जांजगीर के उप पंजीयक उमेश गुप्ता के समक्ष उपस्थित होकर कोऑपरेटिव बैंक चांपा की शाखा प्रबंधक रश्मि गुप्ता पर दबाव डालकर विड्राल फार्म में हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया था। हालांकि शाखा प्रबंधक ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी ने बैंक प्रबंधक की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है। इसलिए शाखा प्रबंधक रश्मि गुप्ता के खिलाफ विभागीय जांच कराने की अनुशंसा जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से की गई।
मृत व्यक्ति के नाम केसीसी लोन निकालकर आहरण करने के मामले में जांच चल ही रही थी। इस बीच स्व. सागर सिंह के चचेरे भाई जयमंगल सिंह ने सहकारी संस्थाएं जांजगीर के उप पंजीयक उमेश गुप्ता के समक्ष उपस्थित होकर कोऑपरेटिव बैंक चांपा की शाखा प्रबंधक रश्मि गुप्ता पर दबाव डालकर विड्राल फार्म में हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया था। हालांकि शाखा प्रबंधक ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी ने बैंक प्रबंधक की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है। इसलिए शाखा प्रबंधक रश्मि गुप्ता के खिलाफ विभागीय जांच कराने की अनुशंसा जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से की गई।
&मृत व्यक्ति सागर सिंह के नाम 1 लाख 35 हजार केसीसी रुपए लोन निकालकर गडगड़़ी करने की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच में शिकायत सही साबित हुई। इस प्रकरण को अंजाम देने वाले सेवा सहकारी समिति सिवनी के संस्था प्रबंधक व बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
-उमेश गुप्ता, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जांजगीर