Non interlocking the hassle of additional passengers, many trains canceled
जांजगीर-चांपा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के हावड़ा-मुंबई मार्ग पर सारागांव-देवरी-खरसिया खंड के बीच तीसरी लाइन का काम जोरों से चल रहा है। बिलासपुर रेल मंडल ने शुक्रवार से इस खंड में नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू कराया, जिसकी वजह से इस मार्ग पर चलने वाली करीब आधा दर्जन यात्री गाडिय़ां रद्द रही। इससे कम दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई। पहले दिन खरसिया के समीपस्थ झाराडीह में ब्लॉक लेकर नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य किया गया।
बिलासपुर मंडल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यात्री सुविधा में वृद्धि के साथ ही कोरबा से रायगढ़ के लिए गाडिय़ों के परिचालन के मकसद से सारागांव-देवरी-खरसिया खंड के बीच तीसरी लाइन का काम कराया जा रहा है। यह कार्य करीब तीन-चार वर्षो से जारी है, जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी के तहत् शुक्रवार से बिलासपुर रेल मंडल ने इस खंड में ब्लॉक लेकर नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू कराया गया। इस खंड में नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य आगामी 16 मार्च तक जारी रहेगा। इस वजह से करीब आधा दर्जन पैसेंजर गाडिय़ों का परिचालन इस मार्ग में 26 फरवरी से अलग-अलग तिथियों पर रद्द किया गया है। हालांकि बिलासपुर रेल मंडल ने इस मार्ग पर यात्री गाडिय़ों का परिचालन उन्नीस दिनों तक प्रभावित होने की सूचना पहले से दी थी, लेकिन इसकी जानकारी ज्यादातर यात्रियों को नहीं थी। ऐसे में उन यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। मॉडल स्टेशन जांजगीर-नैला व चांपा जंक्शन से बिलासपुर तथा रायगढ़ की ओर यात्रा करने वाले लोग जानकारी के अभाव में घंटों तक इन गाडिय़ों के आने का इंतजार करते रहे। घंटों बाद जब उन्हें इस बात की खबर मिली कि करीब आधा दर्जन पैसेंजर गाडिय़ां रद्द कर दी गई हैं, तब उन्हे अन्य गाड़ी पकड़कर गंतव्य की ओर रवाना होना पड़ा। बिलासपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि तीसरी लाइन का काम अब अंतिम चरण में है। काम पूरा होने के बाद तीसरी लाइन का लाभ लोगों को मिलने लगेगा।
शुक्रवार को गोंदिया-झारसुगड़ा पैसेंजर को बिलासपुर स्टेशन में समाप्त कर गाड़ी संख्या 58117 के रूप में इसके निर्धारित समयानुसार बिलासपुर से गोंदिया तथा टाटा- इतवारी पैसेंजर को झारसुगड़ा स्टेशन में समाप्त कर गाड़ी संख्या 58112 के रूप में झारसुगड़ा से टाटानगर के लिए रवाना किया गया। इसी तरह अन्य गाडिय़ां भी इस रूट पर आने के बजाय लौट गई।