पुल निर्माण करते वक्त लोगों की आंख में धूल झोंककर ठेकेदार किसी काम में किस कदर लापरवाही बरतते हैं इसका जीता जागता उदाहरण मालखरौदा ब्लाक के मंद्रागोढ़ी से सिल्ली के बीच बने पुल से अंदाजा लगा सकते हैं। ठेकेदार ने इस पुल में स्लैब बनाते वक्त सरिया का इस्तेमाल ही नहीं किया है। यानी ठेकेदार ने इस रूट में आवागमन करने वालों को मरने के लिए इस तरह पुल का निर्माण कर दिया था। शुक्र है जिस वक्त पुल का स्लैब ढहा उस वक्त इस रूट में कोई आवागमन नहीं कर रहा था।
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नशे में जिला अस्पताल में कर रहे थे गाली-गलौच, मना करने पर कर दी डाक्टर की पिटाई… गौरतलब है कि मालखरौदा ब्लाक के मंद्रागोढ़ी से सिल्ली के बीच 10 साल पहले बना पुल का स्लैब बुधवार की रात को भरभराकर गिर गया। जिससे इस रूट में आवागमन ठप हो गया है। लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए पुल के उपर झाडिय़ों को रखकर आवागमन का बंद करा दिया है। नहीं तो लोग पुल पार करते वक्त दुर्घटना के शिकार हो सकते थे।मंडी बोर्ड के पैसे से बना है पुल
ग्रामीणों के मुताबिक इस पुल का निर्माण भाजपा के शासनकाल में 10 साल पहले बना है। इसके लिए तकरीबन 10 करोड़ रुपए खर्च की गई थी। बताया जा रहा है कि मंडी बोर्ड फंड के तहत इस पुल का निर्माण किया गया है। यानी मंडी के जिम्मेदार अधिकारियों ने ठेकेदार से पर्याप्त कमीशन लेकर जैसे-तैसे पुल का निर्माण कर दिया है।
एक्सपर्ट व्यू
पुल का निर्माण करते वक्त ठेकेदार को स्लैब में सरिया का स्तेमाल करना था, लेकिन ठेकेदार ने सरिया लगाया ही नहीं है। यह गलत है। 10 साल यह पुल कैसे चल गया यह समझ से परे है। आरके वर्मा, एसडीओ, सेतु निगम
पुल का निर्माण करते वक्त ठेकेदार को स्लैब में सरिया का स्तेमाल करना था, लेकिन ठेकेदार ने सरिया लगाया ही नहीं है। यह गलत है। 10 साल यह पुल कैसे चल गया यह समझ से परे है। आरके वर्मा, एसडीओ, सेतु निगम