Monsoon 2024: अगले 17 घंटे में ओले, वज्रपात, आंधी-तूफान के साथ होगी जोरदार बारिश, Red Alert जारी
नौतपा के बाद बढ़े हुए तापमान ने शहरवासियों को परेशान कर दिया। नवपा विदाई के बाद तापमान में कमी होने लगी थी, पारा 37 डिग्री तक पहुंच गया था, भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिल रही थी, लेकिन शुक्रवार को पारा चार डिग्री उछलकर 43 डिग्री सेल्सियश तक पहुंच गया। न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री ज्यादा रहा है।
25 मई से 2 जून तक चले नौतपा में तापमान 47 डिग्री से लुढ़ककर 37 डिग्री सेल्सियश तक नीचे आ गया था लेकिन जैसे ही नौतपा समाप्त हुआ है। उसके बाद राहत थी, पांच दिन बाद शुक्रवार को सुबह से ही गरम हवाएं की लपटें चलने लगी और तापमान पिछले तीन-चार दिनों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर पहुंच गया। बुधवार को पारा 38 डिग्री सेल्सियश पर था लेकिन शुक्रवार को यही पारा 43 डिग्री पर पहुंच गया।
इसी रोज न्यूनतम पारा 28 डिग्री दर्ज किया गया था लेकिन मंगलवार को 30 डिग्री दर्ज किया गया। यानि सुबह और शाम दोनों समय तापमान शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बना रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अभी आगे भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। दो दिन बाद तापमान और बढ़ने की संभावना है।
पारा 45 डिग्री से भी ऊपर जा सकती है। इससे लोगों को गर्मी और ज्यादा सताएगी। इसके अलावा मानसून इस बार जल्दी आने की संभावना थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। वर्षा की गतिविधियां कम हो गई। इसलिए अभी 3 से 4 दिन तक फिलहाल प्रदेश में मानसून आने की कोई संभावना नहीं है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा का कहना है कि अगले दो दिनों के बाद अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा वर्षा की गतिविधि में कमी आने वाले 3-4 दिनों तक रहने की संभावना है। इसके कारण प्रदेश में मानसून का दस्तक अभी 4-5 तक होने की संभावना नहीं है।
Monsoon 2024: छत्तीसगढ़ का एकमात्र शहर जहां अब भी है नौतपा का कहर, यहां मानसून कुछ दिन रुक कर आएगा
Monsoon 2024: इस स्थिति में दक्षिण पश्चिम मानसून किसी क्षेत्र में पहुंचना किया जाता घोषित
पश्चिमी हवा प्रबल होने चाहिए और उसकी गहराई वातावरण में 3.1 किलोमीटर तक होना चाहिए। वातावरण में सार्थक रूप से नमी की मात्रा गहराई तक बढ़ना चाहिए।चौक-चौराहों में बचने न शेड न ही पेड़
चिलचिलाती तेज धुप से बचने के लिए चौक-चौराहों पर शेड का अभाव है। इस कारण राहगीरों, मजदूरों को पेड़ ल मिलने से दुकानों के आगे शेड के नीचे शरण लेकर समय बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।