कल्पना सिंह बताती हैं कि सबसे पहले 1 से 10 मई तक हर रोज 1-1 प्रश्न पूछा गया। फिर सप्ताह भर बाद सलेक्शन राउंड के फिर कॉल आया और कंप्यूटर से तीन प्रश्र पूछे गए। कहा गया कि सलेक्शन हुआ तो आगे हमारी टीम फिर आपसे संपर्क करेगी। फिर कॉल आया कि 30 मई को सोनी लीव एप पर एक और सलेक्शन राउंड है। इसमें 30 नंबर का एक जीके का प्रश्न था और अपने बारे में क्या हॉबीज, क्या पसंद, आपके जीवन का सबसे अच्छा व बुरा समय क्या रहा सहित अन्य प्रश्न पूछे गए। इसका तीन-चार वीडियो बनाकर सोनी एप में अपलोड करना था। अपलोड करने के बाद फिर कहा गया कि आगे सलेक्शन होते है तो फिर 15 दिन के अंदर आपसे संपर्क किया जाएगा।
इसके बाद चौथे राउंड के फिर कॉल आया। जिसमें भोपाल मेगा ऑडिशन के लिए बुलाया गया। जहां 20 नंबर का जीके का पेपर हुआ, जो काफी टफ था, जिसमें हाई लेवल के प्रश्र थे। फिर सलेक्शन टीम द्वारा इंटरव्यू लिया गया। यहां से सलेक्शन होने के बाद जुलाई से सितंबर तक टीम फिर संपर्क की चार राउंड के बाद भी पूरा सलेक्शन नहीं हुआ था। इसके बाद 27 जुलाई को फास्टेस्ट फिंगर्स फर्स्ट खेलने के लिए चयन हुआ है। केबीसी टीम का फोन आया कि आप मुंबई आ सकती हैं क्या। फिर 27 व 28 अगस्त को मुंबई में शूट हुआ। कल्पना केबीसी के रूल के तहत कितने प्रश्न तक पहुंची, यह तो बताई। 1 करोड़ तक तो नहीं पहुंची, लेकिन जिले के लोगों को मायूस करने वाला भी नहीं रहा।
हर सवाल का दी सही जवाब
हॉट सीट में पहुंचने के पहले फास्टेस्ट फिंगर्स फर्स्ट खेलना होता है, जिसमें तीन सवाल का जवाब देना होता है, जिसमें सभी तीन सवालों की जवाब कल्पना सिंह ने सही दी। 10 लोगों में सबसे पहले सलेक्ट हुई। केबीसी की टीम शूटिंग के लिए पहुंची थी, जो चांपा डीपीएस स्कूल का शूट किया गया। जिसमें वर्क फ्राम होम के तहत 3 छात्रों के घर भी पहुंची। ढाई मिनट का शूटिंग किया गया।
20 साल से कर रही थी प्रयास
कल्पना सिंह बताती है कि डॉ. कलाम ने कहा था कि सपने वो नहीं जो सोते हुए देखें, बल्कि सपना वो है सोने नहीं देती। सीजन 2 से केबीसी में जाने के लिए प्रयास कर रही थी। 20 साल के लगातार प्रयास के बाद आखिरकार वहा कुर्सी तक पहुंच ही गई। केबीसी का मंच ही ऐसा है कि वहां पहुंचना ही गौरव की बात है। केबीसी में भाग लेने के लिए कल्पना बेटे के साथ मुंबई गई थीं। उन्होंने कहा कि मुंबई आने-जाने व रहना सब फ्री था।