फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं। व्याख्याता रमा गोस्वामी का आरोप है कि डाइट के प्रभारी प्राचार्य उन्हें आए दिन प्रताड़ित करते थे। उन्हें किसी भी शाखा का प्रभार नहीं दिया गया था। उनसे प्रभारी प्राचार्य हमेशा दुर्व्यवहार करते हैं। किसी भी ट्रेनिंग में उन्हें शामिल होने से मना कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, प्रभारी प्राचार्य के द्वारा उनका सीआर भी खराब करने की कोशिश की जा रही थी। न्याय की गुहार लगाते वह थक चुकी थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। इसके चलते उन्हें इस तरह का कदम उठाना पड़ा।
चार पन्नों में लिखी सुसाइड नोट
व्याख्याता रमा गोस्वामी ने खुदकुशी की कोशिश करने से पहले चार पन्नों में सुसाइड नोट लिखी है। जिसमें अपनी पीड़ा बयां की है। अंत में उन्होंने प्रभारी प्राचार्य पर तरह तरह के आरोप लगाते हुए बहुत सी बातें लिखी है। अंत में लिखी है कि बच्चों मुझे माफ कर देना। विद्यार्थियों मुझे माफ कर देना। क्योंकि मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं। इसलिए यह मुझे यह कदम उठाना पड़ा। यह भी पढ़ें