पर्दे के पीछे के संचालक पीएचई के ठेकेदार और अधिकारी जांजगीर-चाम्पा में जिस एनजीओ को इस काम के लिए जवाबदारी सौपी गयी है। उसे किराए पर चलाया जा रहा है। एनजीओ के पदाधिकारी कोई और हैं और पर्दे के पीछे के संचालक पीएचई के ठेकेदार और अधिकारी हैं। स्पष्ट है जिन ठेकेदारों ने जल जीवन मिशन के काम में बट्टा लगा दिया हो वे एनजीओ के काम को कैसे संचालित कर रहे होंगे। जिले के किसी गांव में नुक्कड़ नाटक, पापम्पलेट, पोस्टर-हैंडबिल नहीं बांटे गए और न ही जनसभा का अयोजन किया गया। हाँ जब जब अधिकारियों को पार्टी की इच्छा हुई शहर के एक बड़े होटल में कार्यशाला का नाम देकर पार्टी जरूर आयोजित की गई।