bell-icon-header
जांजगीर चंपा

सुविधाओं से दूर कृषि प्रधान जिला, किसानों को मौसम की जानकारी के लिए दूसरे जिले पर रहना पड़ता है निर्भर

Farmers Problem: जांजगीर-चांपा जिला कृषि प्रधान है, क्योंकि जिले में बड़े पैमाने पर खेती-किसानी होती और जिले भर की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है। इसके बावजूद जिले के किसानों को मौसम की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। जिले में एक ही मौसम विज्ञान शाला ही नहीं है।

जांजगीर चंपाFeb 16, 2024 / 03:52 pm

Shrishti Singh

सुविधाओं से दूर कृषि प्रधान जिला, किसानों को मौसम की जानकारी के लिए दूसरे जिले पर रहना पड़ता है निर्भर

Chhattisgarh News: जांजगीर-चांपा जिला कृषि प्रधान है, क्योंकि जिले में बड़े पैमाने पर खेती-किसानी होती और जिले भर की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है। इसके बावजूद जिले के किसानों को मौसम की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। जिले में एक ही मौसम विज्ञान शाला ही नहीं है।
मौसम की जानकारी के लिए दूसरे जिले में निर्भर रहना पड़ता है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2 लाख 58 हजार हेक्टेयर में हर वर्ष खरी फसलों व 55 हजार हेक्टेयर रबी फसलों की बोनी की जाती है। वहीं जिले में 3 लाख से अधिक किसान इस कार्य से जुड़े हैं। यदि हम बात करें कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक सहित अन्य सुविधाओं की तो जिले में इनकी उपलब्धता नहीं है। ऐसे में यहां का किसान सिर्फ परंपरागत फसलों की खेती और सरकारी योजनाओं की जानकारी पर निर्भर रहकर कार्य कर रहे। जबकि कृषि प्रधान जिले में आधारभूत सुविधाओं का होना बेहद जरुरी है। जिले में बड़ी मात्रा में धान की पैदावार हर वर्ष होती है।
यह भी पढ़ें

Annual Exam 2024: होली के कारण टाली गई इस विषय की परीक्षा की तारीख, जारी हुआ नया टाइम-टेबल, देखें अभी

किसानों को उनकी बेचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं उन्हें उपज का बेहतर दाम भी नहीं मिल पाता। इसके अलावा बेमौसम बारिश में किसानों को हर साल नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा रबी फसल में तो सही समय में पानी नहीं मिल पाने के कारण बोनी में देरी हो जाती है, इसलिए धान की फसल मेहनत के हिसाब से नहीं मिल पाती है। जिले भर के किसानों को रबी और खरीफ सीजन की फसलों के समय मौसम का पूर्वानुमान सहित वास्तविक जानकारी नहीं मिल पाती। क्योंकि यहां पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन यानि मौसम जानकारी केन्द्र स्थापित नहीं है। बिलासपुर व रायपुर स्थित केन्द्र से कुछ किसानों को ही इसकी जानकारी मिल पाती है।
जिले में पहले हाईस्कूल मैदान जांजगीर के पास ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित था। कर्मचारी नहीं मिलने से वह बंद हो गया। इसके बाद से मौसम जानकारी केन्द्र स्थापित नहीं है। इसके लिए फिर से प्रयास किया जाएगा। -एचपी चंद्रा, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक रायपुर
आधुनिक कृषि यंत्रों की जरुरत

जिले में कृषि कार्य के लिए आधुनिक और उन्नत कृषि यंत्र नहीं मिल पाते। जमीन को समतल करने के लिए लैजर लैंड लेबलर और नरवाई को एक जगह इकठ्ठा करने के लिए वेलर मशीन शासन स्तर पर उपलब्ध नहीं है। जबकि हर जिले में कृषि विभाग द्वारा कृषि मशीनरी किसानों को कस्टम हायर सेंटर के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन बड़ी मशीनरी की सुविधा नहीं दी जा रही। साथ ही फसल कटाई व मिंजाई के लिए दूसरे प्रदेश से मशीन यहां पहुंचती है।
यह भी पढ़ें

पूर्व पार्षद ने आरक्षक पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप, कहा- गाड़ी रुकवा कर चाबी निकाला फिर…केस दर्ज

कोल्ड स्टोरेज जरुरी

इसी तरह सब्जियों की खेती के लिए कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है। कई क्षेत्र में टमाटर प्रमुख रुप से उत्पादन होता। जबकि दर्जनों गांवों में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन किसानों को प्याज के वाजिम दाम नहीं मिल पा रहा। ज्यादा दिनों तक प्याज रखने पर खराब हो जाती। यदि कोल्ड स्टोरेज की सुविधा हो तो सब्जियों को खराब होने से बचाया जा सकेगा।

Hindi News / Janjgir Champa / सुविधाओं से दूर कृषि प्रधान जिला, किसानों को मौसम की जानकारी के लिए दूसरे जिले पर रहना पड़ता है निर्भर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.