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छत्तीसगढ़ राज्य में इन सब भाजियों का दस्तावेजीकरण हो। इस बात को लेकर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित चाम्पा शहर से लगे एक छोटे से गांव बहेराडीह के 40 वर्षीय युवा कृषक दीनदयाल यादव ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अनुवांशिकीय प्रजनन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा के मार्गदर्शन पर इन सभी भाजियों के पेटेंट के लिए पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षन प्राधिकरण कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली में रजिस्ट्रार के नाम पर तीन साल पहले निर्धारित प्रारूप में उप संचालक कृषि के अनुसंशा से अपना आवेदन प्रस्तुत किया है।सवर्णों के 10 % आरक्षण के लिए CM भूपेश बघेल ने कहा – जल्द होगा फैसला, पढ़े क्या है खास
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ये हैं 36 भाजियां
किसान दीनदयाल यादव ने बताया कि 36 प्रमुख भाजियों का रजिस्ट्रेशन के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें मुनगा भाजी, कांदा भाजी, तिनपनिया भाजी, मुराई भाजी, मेथी भाजी, गोंदली भाजी, सरसों भाजी, अमारी भाजी, पटुआ भाजी, बोहार भाजी, चेच भाजी, कोइलार भाजी, मखना भाजी, लाल भाजी, रोपा भाजी, करेला भाजी, नोनिया भाजी, गांव भाजी, कूकरीपोटा भाजी, मूरही भाजी, नाथुलिया भाजी, कोचई भाजी, तिवरा भाजी, बर्रे भाजी, केना भाजी, भथुआ भाजी, करमता भाजी, चरोटा भाजी, गोभी भाजी, चना भाजी, चनोरी भाजी, गुमी भाजी, चौलाई भाजी, पालक भाजी, खेढ़ा जड़ी भाजी, पोई भाजी, गांठ गोभी भाजी, अकरी भाजी, पीपर भाजी, अमुर्री भाजी, उरीद भाजी, आलू भाजी, ईमली पाना भाजी, बरबट्टी भाजी, भाटा भाजी व खुनजीयारी भाजी आदि शामिल है।
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